Category: काव्य धारा
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आचार्य रामचंद्र गोविंद वैजापुरकर की कविता – ‘मॉं’
उच्च भाव यह उस मां के प्रति
जिसके मन में प्रतिदिन होता।
वही पुत्र सच्चा कहलाता
अन्य सभी बस मिथ्या मिथ्या।
January 2, 2021
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नववर्ष २०२१ अभिनंदन
🌺नव वर्ष २०२१अभिनंदन🌺 नव वर्ष हम करते अभिनंदन तुम्हारा हैं,नव चेतना व आशा में झूमे जग सारा है,प्रगति
January 2, 2021
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देशभक्ति काव्य लेखन प्रतियोगिता कविता: आजादी की सुबह
आजादी की पहली सुबहनवोन्मेष से पुर्ण थीमुक्त हुई थी भारत भुमिजंजीरें तोड़ गुलामी कीनव सपनें लेकर के आयीआजादी
January 2, 2021
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काव्य धारा

January 1, 2021
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नई कविता
चंद्र मोहन किस्कू की कविता – ‘शायद तुम्हारे लिए आनंद हैं’
पेट की गड्ढे को भरने
जलती आग को
बुझाने के लिए
तुमसे कितना प्रार्थना किया
एक मुट्ठी भोजन के लिए
बार -बार गया तुम्हारे पास
पर तुम
बचा हुआ भोजन को
अधखाया और जूठन को
मुझे देने में
तुम्हे नागवार लगा
January 1, 2021
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December 31, 2020
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December 31, 2020
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