Category: काव्य धारा
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मौक्तिका (जो सत्यता ना पहचानी)
मौक्तिका (जो सत्यता ना पहचानी)2*9 (मात्रिक बहर)(पदांत ‘ना पहचानी’, समांत ‘आ’ स्वर) दूजों के गुण भारत तुम गाते,अपनों
March 16, 2021
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गीत

गीत (देश हमारा न्यारा प्यारा)
गीत (देश हमारा न्यारा प्यारा) देश हमारा न्यारा प्यारा,देश हमारा न्यारा प्यारा।सब देशों से है यह प्यारा,देश हमारा
March 16, 2021
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नई कविता
पूछते हो मैं कौन हूं….
मैं अर्पण हूं,समर्पण हूं, श्रद्धा हूं,विश्वास हूं। जीवन का आधार, प्रीत का पारावार, प्रेम की पराकाष्ठा, वात्सल्य की
March 8, 2021
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काव्य धारा
March 8, 2021
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काव्य धारा
बेटी और नारी अंतराष्ट्रीय महिला दिवस प्रतियोगिता हेतु
1–बेटी और नारी नन्ही परी की किलकारीगूंजे घर मन आँगना।।कहता कोई गृहलक्ष्मीआयी घर आँगन की गहना।।बेटी आज बराबर
March 8, 2021
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काव्य धारा
नारी के रुप अनेको अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस प्रतियोगिता हेतु
नारी के रुप अनेकों नारी से नश्वर संसारनारी शक्ति से अर्धनारीश्वर भगवान।। नारी की महिमा अपरंपारदेव ना पावे
March 8, 2021
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March 8, 2021
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March 6, 2021
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