Category: अनूदित कविता
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नदी के साथ
मैं इस नदी के साथ,जीना चाहता हूँ..डूबना चाहता हूँ..इसके भीतर!!तैर कर सभी.. पार कर लेते हैं नदियाँ।नाव पर
*युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद जी की पुण्य तिथि पर एक कविता*
*युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद*(स्वामी विवेकानंद जी के पुण्यतिथि पर समर्पित)**************************************** रचयिता :*डॉ.विनय कुमार श्रीवास्तव* 12जनवरी1863 कोलकाता
*मुँह नाक में टोपी व वैक्सीन ही है दवाई*
*मुँह नाक में टोपी व वैक्सीन ही है दवाई*************************************** रचयिता : *डॉ.विनय कुमार श्रीवास्तव*वरिष्ठ प्रवक्ता-पी बी कालेज,प्रतापगढ़ सिटी,उ.प्र.
*स्वर लहरियों का सरगम ही संगीत*
*स्वर लहरियों का सरगम ही संगीत********************************* रचयिता : *डॉ.विनय कुमार श्रीवास्तव*वरिष्ठ प्रवक्ता-पी बी कालेज,प्रतापगढ़ सिटी,उ.प्र. मन की
*संस्कार बिना हर शिक्षा बेकार*
*संस्कार बिना हर शिक्षा बेकार******************************* रचयिता : *डॉ.विनय कुमार श्रीवास्तव*वरिष्ठ प्रवक्ता-पी बी कालेज,प्रतापगढ़ सिटी,उ.प्र. संस्कार एक कला
*सर्वश्रेष्ठ हूँ मैं केवल शेष सभी बेकाम*
*सर्वश्रेष्ठ हूँ मैं केवल शेष सभी बेकाम************************************ रचयिता : *डॉ.विनय कुमार श्रीवास्तव*वरिष्ठ प्रवक्ता-पी बी कालेज,प्रतापगढ़ सिटी,उ.प्र. ये
*ईश्वर सब कुछ देख रहा है इसका भी ध्यान रखें*
*ईश्वर सब कुछ देख रहा है इसका भी ज्ञान रखें**************************************** रचयिता : *डॉ.विनय कुमार श्रीवास्तव*वरिष्ठ प्रवक्ता-पी बी कालेज,प्रतापगढ़