अत्यंत कठिन है
तुम्हारे सौंदर्य का वर्णन
तुम्हारे सौंदर्य को देखना ठीक वैसा ही है,
जैसे बारिश के बाद इंद्रधनुष को ढूंढना!
तुम्हारे सुंदरता का उत्कर्ष है तुम्हारे चेहरे की लालिमा
जैसे उदय होता सूर्य है प्राकृत का!
तुम्हारी ध्वनि हृदय को आमोद करती है
जैसे तपती ऊष्मा में मेंह का आगमन!
तुम्हारी सौंदर्य के साथ तुम्हारी सादगी
ऐसी शोभित होती है मानो
किसी वीरांगना के शरीर पर लगे हों
युद्ध के गहरे घाव!!
Last Updated on August 27, 2021 by gorakhpuriyalegend
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1 thought on “तुम्हारा सौंदर्य”
अति सुंदर उत्कृष्ट सृजन