न्यू मीडिया में हिन्दी भाषा, साहित्य एवं शोध को समर्पित अव्यावसायिक अकादमिक अभिक्रम

डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

सृजन ऑस्ट्रेलिया | SRIJAN AUSTRALIA

विक्टोरिया, ऑस्ट्रेलिया से प्रकाशित, विशेषज्ञों द्वारा समीक्षित, बहुविषयक अंतर्राष्ट्रीय ई-पत्रिका

A Multidisciplinary Peer Reviewed International E-Journal Published from, Victoria, Australia

डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं
प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

श्रीमती पूनम चतुर्वेदी शुक्ला

सुप्रसिद्ध चित्रकार, समाजसेवी एवं
मुख्य संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

Category: काव्य धारा

Categories
अन्य काव्य विधाएं
basudeo

तिलका छंद “युद्ध”

तिलका छंद “युद्ध” गज अश्व सजे।रण-भेरि बजे।।रथ गर्ज हिले।सब वीर खिले।। ध्वज को फहरा।रथ रौंद धरा।।बढ़ते जब ही।सिमटे

Read More »

मानव छंद (नारी की व्यथा)

मानव छंद “नारी की व्यथा” आडंबर में नित्य घिरा।नारी का सम्मान गिरा।।सत्ता के बुलडोजर से।उन्मादी के लश्कर से।।

Read More »
काव्य धारा
nandlalmanitripathi

काव्य धारा -14

मंगल मूरत जै जै जै गण पति गण नायक शुभ कर्मों के देव विनायक जै जै जै गण

Read More »
काव्य धारा
nandlalmanitripathi

काव्य धारा -13

जै जै जै अम्बे मातु भवानी माँ दुर्गा जग कल्याणी!!जै जै जै अम्बे मातु भवानी माँ दुर्गा जग

Read More »
काव्य धारा
nandlalmanitripathi

काव्य धारा -12

राम तो जीवन मूल्यों का नामराम धर्म धैर्य का मान।।राम विशुद्ध सात्विक संस्कारराम राम से प्रणाम।।राम राम राम

Read More »
काव्य धारा
nandlalmanitripathi

काव्य धारा -11

चलो आज हम राम को खोजे कहाँ हम आ गए खुदको खोजते भटकतेनगर की हर डगर पर तेरा

Read More »
काव्य धारा
nandlalmanitripathi

काव्य संगत-10

चलो राम बताएं– चलो आज हम राम बताएंराम मर्यादा अपनाएँ।। राम रिश्ता मानवता कीअलख जगाएं।। प्रभु राम का

Read More »
काव्य धारा
nandlalmanitripathi

काव्य धारा -9

राम स्वयं को भक्त राम काकहते बड़ा मुश्किल हैभक्त राम का बन पाना।। राम तो मर्यादा पुरुषोत्तमकठिन है

Read More »
काव्य धारा
nandlalmanitripathi

काव्य सागर -8

——जग जननी माँ—– 10-जग जननी दुःख हरणी ,मंगल करनी तू तारणहारी तू सकल जगत संसार माँ।।दुष्ट विनासक, भय

Read More »
error: Content is protected !!