Category: काव्य धारा
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नई कविता
मनोरंजन कुमार तिवारी की कविता “बनेगा कुछ ना कुछ…….तुम देख लेना”
बनेगा कुछ ना कुछ…….तुम देख लेना —————————————– जीवन के परिधि के, अंदर-बाहर, यहाँ-वहाँ, जहाँ-तहाँ, बिखरे हुए दर्द के
December 7, 2020
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हाईकु

हाइकु (ये बालक कैसा)
हाइकु (ये बालक कैसा) अस्थिपिंजरकफ़न में लिपटाएक ठूँठ सा। पूर्ण उपेक्ष्यमानवी जीवन काकटु घूँट सा। स्लेटी बदनउसपे भाग्य
December 6, 2020
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