न्यू मीडिया में हिन्दी भाषा, साहित्य एवं शोध को समर्पित अव्यावसायिक अकादमिक अभिक्रम

डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

सृजन ऑस्ट्रेलिया | SRIJAN AUSTRALIA

विक्टोरिया, ऑस्ट्रेलिया से प्रकाशित, विशेषज्ञों द्वारा समीक्षित, बहुविषयक अंतर्राष्ट्रीय ई-पत्रिका

A Multidisciplinary Peer Reviewed International E-Journal Published from, Victoria, Australia

डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं
प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

श्रीमती पूनम चतुर्वेदी शुक्ला

सुप्रसिद्ध चित्रकार, समाजसेवी एवं
मुख्य संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

Category: काव्य धारा

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काव्य धारा
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काव्य सागर-7

माँ आओ मेरे द्वार माईया पधारों घर द्वारेभक्तों का है इंतज़ारघर घर तेरा मंडप सजा हैमाईया के स्वागत

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काव्य धारा
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काव्य फहरा-7

भय भव भंजक कष्ट निवारिणी पाप नाशिनी माँजय जय जय दुर्गे सकल मनोरथदायनी माँ।। दुर्लभ ,सुगम शुभ मंगल

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काव्य धारा
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काव्य सागर -6

जगत माँ जग जननी दुःख हरणी ,मंगल करनी तू तारणहारी तू सकल जगत संसार माँ।।दुष्ट विनासक, भय भव

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काव्य धारा
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काव्य सागर-5

जय माँ जगदम्बा माँ जिसे बुलाती जाता माँ दरबार ,माँ कीज्योति जली है ,जग में है उजियार बोलोजय

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काव्य धारा
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काव्य सागर-4

5– माँ तेरे चरणों मे जग तेरे चरणाें आया मेरी माँ जग तेरे शरणाें में आया मेरी माँ!!

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काव्य धारा
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काव्य धारा -3

जै जै जग जननी माँ— जग जननी ,सकल जगत संसार माँदुःख हरणी ,मंगल करनी ,तू तारणहार माँ जग

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काव्य धारा
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काव्य सागर -2

जै मां काली जै जगदंबै जै माँ काली, जै जगदंबै जै माँ काली ,वीर भूमि भी आंचल तेरा

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काव्य धारा
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भक्ति सागर

  शिवोहं शिवोहं शिवोहं चिता भस्म भूषित श्मसाना बसे हंम शिवोहं शिवोहं शिवोहं।। अशुभ देवता मृत्यु उत्सव हमारा

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नई कविता
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तपोवन

तपोवन शौर्य प्रखर निखर सूरज पूर्णिमा चन्द्र हलाहल विष भरा जहां मधुर मिठास अमृत जैसा।। ऊंचाई गौरी शंकर

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नई कविता
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अनुष्ठान

अनुष्ठान अनुष्ठान जीवन का चलता रहेशौम्य शांत संचारित संस्कारकरता रहे।। भ्रम अनिश्चय का अँधेरा हटेराष्ट्र समाज गौरव मान

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