

नवनीत शुक्ल की कविता “कंप्यूटर”
मम्मी मुझे दिलवा दो कंप्यूटर,मिलता सारा ज्ञान इसके अंदर। ये स्पेलिंग भी सिखलाता है,डिक्शनरी भी दिखलाता है। पूछो
सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया
सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं
प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया
सुप्रसिद्ध चित्रकार, समाजसेवी एवं
मुख्य संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया
मम्मी मुझे दिलवा दो कंप्यूटर,मिलता सारा ज्ञान इसके अंदर। ये स्पेलिंग भी सिखलाता है,डिक्शनरी भी दिखलाता है। पूछो
पर्वतराज हिमालय रक्षक, ऋषियों की संतान हूँवेद पुराण ऋचाएँ मुझमें,मानव संस्कृति की पहचान हूँहांँ, मैं हिंदुस्तान हूँ ,,,,,,,,
“एकान्त का प्रलाप” विचार किया है मैंनेकई बार एकान्त मेंकि हमें आसपास जोलोग दिखते हैं शान्त सेहँसते हुए,
आओ मेघा डॉ. पोपट भावराव बिरारी (सहायक प्राध्यापक) कर्मवीर शांतारामबापू कोंडाजी वावरे कला, विज्ञान व वाणिज्य महाविद्यालय सिडको,