
अंतरराष्ट्रीय शोध आलेख प्रतियोगिता
अंतरराष्ट्रीय शोध आलेख प्रतियोगिता उद्देश्य हिंदी पत्रकारिता के 200वें वर्ष के सुअवसर पर न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल
सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया
सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं
प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया
सुप्रसिद्ध चित्रकार, समाजसेवी एवं
मुख्य संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया
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मीना कुमारी नाज़ की शायरीडॉ. वसीम अनवर सहायक प्राध्यापक उर्दू एवं फारसी विभाग डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर,
मोहन राकेश ने नाटकों में ‘रंगमंच संप्रेषण’ का पूरा ध्यान रखा है। नाट्य लेखन में राकेश ने नए-नए प्रयोग किए है। जैसे- दृश्यबंध, अभिनेयता, ध्वनियोजना, प्रकाश योजना, गीत योजना, रंग-निर्देश के साथ-साथ भाषा के स्तर पर परिवर्तन के कारण नाटक को सजीव रूप मिला है। इसी कारण नाटकों में अभिनेयता अधिक रूप में फली फुली है। राकेश ने उपन्यास, कहानी संग्रह, नाटक, निबंध, एकांकी आदि विधाओं में कलम चलाई है। लेकिन नाट्य साहित्य में जो प्रसिद्धि मिली शायद किसी नाटककारों को मिली होगी। इसमें ‘आषाढ़ का एक दिन’ (1958), ‘लहरों के राजहंस’ (1963) और ‘आधे अधूरे’ (1969) में अभिनेयता को स्पष्ट करने का प्रयास किया है।
‘अनुवाद’ शब्द अंग्रेजी के ‘Transalation’ शब्द के लिए हिंदी पर्याय के रूप में चर्चित है| इसका अर्थ है
जागतिक दृष्टीकोनातून विचार केला तर आपल्या असे लक्षात येते कि, वेगवेगळ्या देशात राहणा-या लोकांची ऐतिहासिक पार्श्वभूमी, भौगोलिक परिस्थिती
हिन्दी साहित्य में नारी जागृति रचनाकार का नाम: डॉ अभय नाथ सिंह पदनाम: असिस्टेंट प्रोफेसर- हिन्दी संगठन: किसान
भारतीय दर्शन संस्कृति परम्पराएँ सहिष्णुता और शान्तिभारतीय समाज एवं संस्कृति की एक अनूठी विशेषता है- विविधता में एकता।
हिन्दी ललित निबंध मे लोक दर्शन रचनाकार का नाम: डाॅ विजय नारायण दूबे पदनाम: शोधार्थी संगठन: उच्च शिक्षा