न्यू मीडिया में हिन्दी भाषा, साहित्य एवं शोध को समर्पित अव्यावसायिक अकादमिक अभिक्रम

डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

सृजन ऑस्ट्रेलिया | SRIJAN AUSTRALIA

विक्टोरिया, ऑस्ट्रेलिया से प्रकाशित, विशेषज्ञों द्वारा समीक्षित, बहुविषयक अंतर्राष्ट्रीय ई-पत्रिका

A Multidisciplinary Peer Reviewed International E-Journal Published from, Victoria, Australia

डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं
प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

श्रीमती पूनम चतुर्वेदी शुक्ला

सुप्रसिद्ध चित्रकार, समाजसेवी एवं
मुख्य संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

Category: दोहे

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बसंत

बसंत  धीरे-धीरे धूप ने, किया शीत का अन्त ।  पुरवाई ने सृष्टि में, छेड़ा राग बसंत । । 

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नासूर

बन जाती हैं दूरियाँ, रिश्तों में नासूर ।  मधुर वचन से कीजिए, मतभेदों को दूर । ।  सुशील

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इरादे

डरने वालों को नहीं, मिलता जग में तीर ।  अटल इरादों से सदा, बनती है तकदीर । । 

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चित्रकूट

 चित्रकूट सम कूट नहिं इस दुनिया में कोय बसे राम जहाँ द्वादश साधुवेश में सोय सीता नारि तपस्विनी

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दोहे
bhavanasharma30

दोहे

  दोहे अन्न वस्त्र भी चाहिये,      थोड़ी बहुत जमीन ।   समाधान खोजें सभी,      किस

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