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नारी जग की तारिणी
नारी जग की तारिणी, नारी जग आधार।
नारी जग की शक्ति है, नारी से संसार।।1।।नारी से ही है सुता, नारी से ही मात।
नारी बहना रूप है, श्रद्धा की सौगात।।2।।नारी सम शोभा नहीं, नारी सम नहिँ छाँव।
नारी सम दौलत नहीं, नारी सम नहिँ ठाँव।।3।।यदि पतंग परिवार है, नारी उसकी डोर।
टूट गई तो है पतन, वरना उन्नति ओर।।4।।नारी रहती है सदा, बड़ी गुणी गम्भीर।
दुख हो कितना ही भले, होती नहीं अधीर।।5।।डॉ जोगेन्द्र कुमार
एसोसिएट प्रोफेसर
बी एल जे एस कॉलेज
तोशाम(भिवानी)
हरियाणा
Last Updated on January 7, 2021 by kumardrjogender
- डॉ. जोगेन्द्र कुमार
- एसोसिएट प्रोफेसर
- बी.एल.जे.एस. महाविद्यालय, तोशाम(भिवानी)हरियाणा
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