*सर्वश्रेष्ठ हूँ मैं केवल शेष सभी बेकाम*
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रचयिता :
*डॉ.विनय कुमार श्रीवास्तव*
वरिष्ठ प्रवक्ता-पी बी कालेज,प्रतापगढ़ सिटी,उ.प्र.
ये कहना कोई श्रेष्ठ नहीं है,मैं ही हूँ केवल सर्वश्रेष्ठ।
बिलकुल गलत धारणा है ये,बिलकुल नहीं यथेष्ट।
एक से एक ज्ञानी हैं जहाँ में,जिनके आगे हो फेल।
ये केवल है घमंड आप का,पटरी बिना चले न रेल।
रावण से ज्ञानी पंडित ना,कोई पृथ्वी पर आया है।
लेकिन अपने दुष्कर्मों का,वो भी फल तो पाया है।
मिल कर रहना प्रेम भाव से,ये सब से है अनमोल।
दुनिया याद सदा रखती है,सब के खट्टे मीठे बोल।
काम नहीं रुकता है किसी का,सब हो ही जाता है।
इस दुनिया में कुछ न मुश्किल,सब तो हो जाता है।
रब ने जब सांसें दी हैं तो,जीवन भी तो वही देगा।
उसने ही दी है यह सांसें,जब भी चाहे वो ले लेगा।
यहाँ कोई ऊँचा ना नीचा,नहीं कोई है अधिकारी।
सब का मालिक 1है केवल,बाकी सभी भिखारी।
कृष्णा ने भी तो दिया सदा है,बलदाऊ को मान।
तब क्यों लोग नहीं करते हैं,बड़ों का वो सम्मान।
किस घमण्ड में जीते हैं वो,किसका है अभिमान।
जहाँ पे हों सब ही ज्ञानी,ना बड़ा किसी का ज्ञान।
दर्द सभी का जो पहचाने,और उसका करे निदान।
इस दुनिया में वही बड़ा है,छोटे भी हो सकें महान।
छोड़ अहं को गले लगाता,मिल कर करता काम।
बनता भी हर काम उसी का,उसी का होता नाम।
यही रीति है इस दुनिया की,ऐसे ही होता है काम।
फिर क्यों खुद को श्रेष्ठ समझते,बाकी को बेकाम।
रचयिता :
*डॉ.विनय कुमार श्रीवास्तव*
वरिष्ठ प्रवक्ता-पी बी कालेज,प्रतापगढ़ सिटी,उ.प्र.
(शिक्षक,कवि,लेखक,समीक्षक एवं समाजसेवी)
इंटरनेशनल चीफ एग्जीक्यूटिव कोऑर्डिनेटर
2021-22,एलायंस क्लब्स इंटरनेशनल,प.बंगाल
संपर्क : 9415350596
Last Updated on June 26, 2021 by dr.vinaysrivastava
- डॉ.विनय कुमार श्रीवास्तव
- वरिष्ठ प्रवक्ता
- पी बी कालेज
- [email protected]
- 156 - अभय नगर, प्रतापगढ़ सिटी, उ.प्र., भारत- 230002