आजादी की पहली सुबह
नवोन्मेष से पुर्ण थी
मुक्त हुई थी भारत भुमि
जंजीरें तोड़ गुलामी की
नव सपनें लेकर के आयी
आजादी की सुबह सुहानी
पर उससे पहले लिखी
विभाजन की कहानी
नवभारत के निर्माण को लेकर
आशाओं का नवसंचार हुआ
देखे थे जो सपने
वीरों ने आजादी के
आजादी की नव सुबह पर
वो सपने साकार हुए
नवभारत उल्लास नया
नयी सोच लेकर आयी
आजादी की नयी सुबह
मिलकर के आगे बढ़ना था
भारत को आगे ले जाने को
स्वप्न जो देखा था वीरों ने
वक्त था पूरा करने का
आसमान में गर्व से अपना
लहरा रहा था तिरंगा
वो भारत जो चाहा था
नहीं हम बना पाये
अफसोस यही है आज भी
वीरों का कर्ज न चुका पाये
एक बार फिर से अब ठानो
नवभारत का निर्माण करें
भ्रष्टाचार और दुराचार को
भारत से मिल बाहर करें
आजादी की पहली सुबह पर
सपना जो देखा था सबने
आओ एक बार फिर मिलकर
हम उसको साकार करें
नाम- धीरज कुमार शुक्ला “दर्श”
पद- जिलाध्यक्ष, झालावाड़ स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया, राजस्थान
पता- ग्राम व पोस्ट पिपलाज, तह. खानपुर ,जिला झालावाड़, राजस्थान, (326038) भारत
मोबाइल अंक/वाट्सएप अंक- 7688823730
Email- [email protected]
Last Updated on January 2, 2021 by dheerajkumarshukla99
- धीरज कुमार शुक्ला "दर्श"
- जिलाध्यक्ष, झालावाड़
- भगतसिंह स्टुडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया, राजस्थान
- [email protected]
- ग्राम व पोस्ट पिपलाज, तहसील खानपुर, जिला झालावाड़, राजस्थान , 326038 (भारत)
1 thought on “देशभक्ति काव्य लेखन प्रतियोगिता कविता: आजादी की सुबह”
बहुत सुंदर अभिव्यक्ती