न्यू मीडिया में हिन्दी भाषा, साहित्य एवं शोध को समर्पित अव्यावसायिक अकादमिक अभिक्रम

डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

सृजन ऑस्ट्रेलिया | SRIJAN AUSTRALIA

6 मैपलटन वे, टारनेट, विक्टोरिया, ऑस्ट्रेलिया से प्रकाशित, विशेषज्ञों द्वारा समीक्षित, बहुविषयक अंतर्राष्ट्रीय ई-पत्रिका

A Multidisciplinary Peer Reviewed International E-Journal Published from 6 Mapleton Way, Tarneit, Victoria, Australia

डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं
प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

श्रीमती पूनम चतुर्वेदी शुक्ला

सुप्रसिद्ध चित्रकार, समाजसेवी एवं
मुख्य संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

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काव्य धारा
nandlalmanitripathi

भक्ति सागर

  शिवोहं शिवोहं शिवोहं चिता भस्म भूषित श्मसाना बसे हंम शिवोहं शिवोहं शिवोहं।। अशुभ देवता मृत्यु उत्सव हमारा शुभोंह शुभोंह शुभोंह शुभोंह शिवोहं शिवोहं शिवोहं ।। भूत पिचास स्वान सृगाल

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नई कविता
nandlalmanitripathi

तपोवन

तपोवन शौर्य प्रखर निखर सूरज पूर्णिमा चन्द्र हलाहल विष भरा जहां मधुर मिठास अमृत जैसा।। ऊंचाई गौरी शंकर पर्वत गहराई समुद्र अंतर मन प्रशांत प्रतिदिन मंथन सागर जैसा।। राष्ट्र समाज

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नई कविता
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अनुष्ठान

अनुष्ठान अनुष्ठान जीवन का चलता रहेशौम्य शांत संचारित संस्कारकरता रहे।। भ्रम अनिश्चय का अँधेरा हटेराष्ट्र समाज गौरव मान प्रकाशितहोता रहे।। जीवन कि तपस्या का पुण्य प्रतापप्रसाद युग युवा पीढ़ी का

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नई कविता
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जीवन संग्राम

जीवन का मौलिक मूल्य राष्ट्र जीवन यात्रा का एक अहम पड़ाव अविरल निर्मल निश्छल निरपेक्ष निर्विकार समाज राष्ट्र हित अनुष्ठान।। त्याग तपस्या सोच कर्म धर्म दायित्व बोध प्रखर निखर परिणाम।पल

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जीवन का मौलिक मूल्य

जीवन का मौलिक मूल्य राष्ट्र जीवन यात्रा का एक अहम पड़ाव अविरल निर्मल निश्छल निरपेक्ष निर्विकार समाज राष्ट्र हित अनुष्ठान।। त्याग तपस्या सोच कर्म धर्म दायित्व बोध प्रखर निखर परिणाम।पल

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नई कविता
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साहित्य और समय

साहित्य और समय समय प्रबाह परिस्थिति परिवेश वर्त्तमान की दृष्टि दिशा मार्ग है।। साहित्य भाव झरना झील नदियांसिंधु समागम नित्य निरंतता अक्षुण अक्षय उजियार है।। शब्द ओजस्वी ओज जन जनमन

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नई कविता
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हिन्दू नव वर्ष

हिन्दू नव वर्ष मनाए– चलो हिन्दू नव वर्ष मनाएआशाओं, विश्वास का उत्साह उमंग चाह प्रसंग केनए सुबह का अलख जगाएचलो हिन्दू नव वर्ष मनाए।। उत्कर्ष,हर्ष दुःख दर्द के बीते पलकि

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नई कविता
nandlalmanitripathi

है माँ

आदि शक्ति अम्बे जगदम्बे आराधना खंड हे देवी माँ तू भय भव भंजक जगत कल्याणी दुष्टो की दुर्गा काली भक्तो की रखवाली शक्ति दे मुझे अपनी भक्ति का भाव भाग्य

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नई कविता
nandlalmanitripathi

हे माँ

हे माँ तू अवनि अवतारी पर्वत की बाला दुःख हरने वालीजग कल्याणी जय अम्बे जय जगदम्बे !! तू सीता सावित्री पार्वती विघ्नेश्वरी भुनेश्वरी बाघम्बरी चंडी चंडिका मनसा महिमा मनोकामना!! तू

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अनूदित कविता
jyotikasaxena9290

अटूट विश्वास

अटूट  विश्वास  मंजिल को ढूंढ़ने सभी  घर के तारे निकल पड़े  आंखों मे जो इक ख्वाब है उसे पाने निकल चले गम की अँधेरी रातों में जलना होगा तुझे  कांटो

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अनूदित लेख
jyotikasaxena9290

वर्तमान समय में नैतिक शिक्षा क्यूँ आवश्यक है ?

वर्तमान समय मे नैतिक शिक्षा की अनिवार्यता क्यूँ जरुरी है ? हमारा देश अपनी प्राचीन सभ्यता एवं संस्कृति के कारण आज पूरे विश्व मे सिरमोैर बना हुआ है, किंतु कुछ

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थर्ड जेंडर

  तुम क्या कहोगे मुझे?  पहचान के लिए एक अदना सा शब्द तो दे ना सके और दे भी क्या सकते हो तुम  मैं क्यों मांगू नाम थोड़े ही मांगा

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