लोहड़ी का त्यौहार
लोहड़ी का त्यौहार आया आज लोहड़ी का त्यौहार हैसबके दिलों में खिली कैसी बहार हैढोल नगाड़े पर थिरक रहा है कोईकोई गा रहा मधुर गीतों के गान है तिल में …
लोहड़ी का त्यौहार आया आज लोहड़ी का त्यौहार हैसबके दिलों में खिली कैसी बहार हैढोल नगाड़े पर थिरक रहा है कोईकोई गा रहा मधुर गीतों के गान है तिल में …
त्योहार परम्परा… “अरे! यहाँ तो आज सुबह से बच्चे लोहड़ी मांगने ही नहीं आए| मैं तो बच्चों को पंजाब में लोहड़ी कैसे मनाते हैं, दिखाने लाई थी” सिमरन बोली| “इंग्लैंड …
कविता – 1 सास-ससुर-माँ-बाप रखने की चीज हैं? एक दिन मेरी शादी शुदा सहेली ने बातों-बातों में मुझसे कहा कि मैं अपने सास-ससुर को रखे हूँ इतनी बड़ी जिम्मेदारी उठा …
महिला दिवस काव्य प्रतियोगिता हेतु कविता – निर्भया भविष्य की Read More »
जीवन और मौत का अंतर मैंने मौत को बहुत पास देखा, हिल गई मेरे जीवन की रेखा, वह अद्भुत विलक्षण क्षण , सचमुच प्रलयंकारी था, मुझे …
भाषा जब से मानव तब से मैंवन आदिवास में थी मैं गुफाओं के चित्र की रेखा हर देश विविध रुप मेरा मन बुद्धि सिंचित करतीविचारों को मैं जन्म देती मुल …
“हे नारी! हे सदा सबल!” (शीर्षक) हे नारी!अब रूप धरोदुर्गा, काली, शतचंडी का,जग के असुरों का नाश करोसंहार करो पाखंडी का।तुम बन महिषासुरमर्दिनी,विनाशिनी हे कपिर्दिनी।जग में असंख्य हैं रक्तबीजव शुम्भ …
जो जन्म लिया इस धरती पर तो प्राण यहीं न्योछावर होसीचकर धरती लहु से अपना हर वीर यहाँ बख्तावर हो । गंगा जमुना तहजीब धरे,स्वर्णिम भारत ललकार रहा संस्कृतियों का …
“महिला दिवस काव्य प्रतियोगिता हेतु कविता मुझे नहीं बनना है अब देवी कोई मुझे नहीं बनना है अब देवी कोई, मुझे तुम साधारण ही रहने दो, तुम तो …
मेरे नसीब के हर एक पन्ने परमेरे जीते जी या मेरे मरने के बादमेरे हर इक पल हर इक लम्हे मेंतू लिख दे मेरा उसे बस,हर कहानी में सारे क़िस्सों …
महिला दिवस काव्य प्रतियोगिता हेतु प्रस्तुति- नन्हीं का प्रश्न। मैं तेरी नन्हीं सी गुड़िया मैं झप्पी जादू की पुड़िया कोख तिहारे मैं आई हूँ लाखों …