न्यू मीडिया में हिन्दी भाषा, साहित्य एवं शोध को समर्पित अव्यावसायिक अकादमिक अभिक्रम

डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

सृजन ऑस्ट्रेलिया | SRIJAN AUSTRALIA

विक्टोरिया, ऑस्ट्रेलिया से प्रकाशित, विशेषज्ञों द्वारा समीक्षित, बहुविषयक अंतर्राष्ट्रीय ई-पत्रिका

A Multidisciplinary Peer Reviewed International E-Journal Published from, Victoria, Australia

डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं
प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

श्रीमती पूनम चतुर्वेदी शुक्ला

सुप्रसिद्ध चित्रकार, समाजसेवी एवं
मुख्य संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

Day: January 13, 2021

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लोहड़ी का त्यौहार

लोहड़ी का त्यौहार आया आज लोहड़ी का त्यौहार हैसबके दिलों में खिली कैसी बहार हैढोल नगाड़े पर थिरक रहा है कोईकोई गा रहा मधुर गीतों के गान है तिल में …

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त्योहार परम्परा

त्योहार परम्परा… “अरे! यहाँ तो आज सुबह से बच्चे लोहड़ी मांगने ही नहीं आए| मैं तो बच्चों को पंजाब में लोहड़ी कैसे मनाते हैं, दिखाने लाई थी” सिमरन बोली| “इंग्लैंड …

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महिला दिवस काव्य प्रतियोगिता हेतु कविता – निर्भया भविष्य की

कविता – 1 सास-ससुर-माँ-बाप रखने की चीज हैं? एक दिन मेरी शादी शुदा सहेली ने बातों-बातों में मुझसे कहा कि मैं अपने सास-ससुर को रखे हूँ इतनी बड़ी जिम्मेदारी उठा …

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जीवन और मौत में अंतर

         जीवन और मौत का अंतर  मैंने मौत को बहुत पास देखा,  हिल गई मेरे जीवन की रेखा,  वह अद्भुत विलक्षण क्षण , सचमुच प्रलयंकारी था, मुझे …

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अन्तर्राष्ट्रीय कवि सम्मेलन

“हे नारी! हे सदा सबल!” (शीर्षक) हे नारी!अब रूप धरोदुर्गा, काली, शतचंडी का,जग के असुरों का नाश करोसंहार करो पाखंडी का।तुम बन महिषासुरमर्दिनी,विनाशिनी हे कपिर्दिनी।जग में असंख्य हैं रक्तबीजव शुम्भ …

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भारत

जो जन्म लिया इस धरती पर तो प्राण यहीं न्योछावर होसीचकर धरती लहु से अपना हर वीर यहाँ बख्तावर हो । गंगा जमुना तहजीब धरे,स्वर्णिम भारत ललकार रहा संस्कृतियों का …

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“महिला दिवस काव्य प्रतियोगिता हेतु कविता

“महिला दिवस काव्य प्रतियोगिता हेतु कविता   मुझे नहीं बनना है अब देवी कोई   मुझे नहीं बनना है अब देवी कोई,  मुझे तुम साधारण ही रहने दो, तुम तो …

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आखिरी मुहब्बत

मेरे नसीब के हर एक पन्ने परमेरे जीते जी या मेरे मरने के बादमेरे हर इक पल हर इक लम्हे मेंतू लिख दे मेरा उसे बस,हर कहानी में सारे क़िस्सों …

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नन्हीं का प्रश्न।

    महिला दिवस काव्य प्रतियोगिता हेतु प्रस्तुति-   नन्हीं का प्रश्न।      मैं तेरी नन्हीं सी गुड़िया मैं झप्पी जादू की पुड़िया कोख तिहारे मैं आई हूँ लाखों …

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