समझौता
शीर्षक:- समझौता…. क्या कहूं क्या न कहूं, जिंदगी कुछ ऐसे ही चलती है। हर तरफ़ बस समझौते की, एक डोर ही मिलती है।। अपनो के साथ सपने जो …
शीर्षक:- समझौता…. क्या कहूं क्या न कहूं, जिंदगी कुछ ऐसे ही चलती है। हर तरफ़ बस समझौते की, एक डोर ही मिलती है।। अपनो के साथ सपने जो …
भारत की बेटी हम भारत की बेटी हैं समझो न किसी से कम पर्वत से ऊंची उड़ान हमारी… हम नहीं घबराती राहें चाहे कितनी भी …
प्रेम माँ-बाप का प्रेम जग में सबसे अनमोल बच्चों की छोटी छोटी खुशियों में ढूँढें जो अपनी ख़ुशी उनकी खुशियों के लिए छोड़ दें जो अपनी सारी खुशियां। …
डॉ अरुण कुमार शास्त्री //एक अबोध बालक // अरुण अतृप्त टूट कर बिखरी थी तभी तो निखरी थी न टूटती न बिखरती और न ही निखरती नारी है वो बिना …
सुशील कुमार ‘नवीन’ शहर का एक बड़ा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल। रोजाना की तरह मरीजों की आवाजाही जारी थी। प्रसिद्ध ह्रदयरोग विशेषज्ञ डॉ.रामावतार रामभरोसे ओपीडी में रोजाना की तरह मरीजों को देखने …
न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन के सहयोग से सृजन ऑस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई-पत्रिका एवं राजमाता जिजाऊ शिक्षा प्रसारक मंडल के कला वाणिज्य एवं विज्ञान महाविद्यालय, भोसरी, पुणे के संयुक्त तत्वावधान …
तुम्हेंसाथ लेकर चलता हूँ (दिल्ली की वर्धमान कवयित्री मीनाक्षी डबास के काव्य के संदर्भ में) एक वार्ता में मीनाक्षी डबास ने कहा – “काव्य को साथ लेकर चलने से हम …
दृष्टि विहीन हुआ, मनुज संताप की वेदना भारी है, देव,देव न रहे, निर्विवाद है विध्वंस की भावना जारी है, किस ओर दृष्टि डालूँ ,कृतघ्नता चहूँ ओर, विनिर्माण या निर्वाण परित्याग चारो ओर, …
बच्चों से इक पुस्तक बोली जितना मुझे पढ़ जाओगे उतने ही गूढ़ रहस्य मेरे बच्चों तुम समझ पाओगे। मुझमें छिपे रहस्य हजारों सारे भेद समझ जाओगे दुनियाँ के तौर-तरीकों से …