Month: October 2020
विवेक की चार कविताएं
1 हमने हर मोड़ पर जिसके लिये, ख़ुद को जलाया है। उसी ने छोड़कर हमको, किसी का घर बसाया है।। किया है जिसके एहसासों ने, मेरी रात को रोशन। सुबह …
आशा दिलीप की कविता – ‘मेहंदी और जीवन’
जीवन भी कुछ मेहंदी सा हो कष्ट सहे टूटन का पेड़ से सिल पर पिसे दर्द को सह के समेटी जाए पात्र मे पानी संग जो भी छुए उस पर …
कितने भौतिकवादी हो गए हैं हम : प्राज
साँई इतना दीजिए, जामे कुटुम समाय। मैं भी भूखा ना रहूँ, साधु न भूखा जाय।। कबीर जी के इस दोहे, से सभी परिचित है और मुझे नहीं लगता इस …
शब्दकोश ही बदल देंगे ये तो …
हमारे एक जानकार हैं। नाम है वागेश्वर। नाम के अनुरूप ही उनका अनुपम व्यक्तित्व है। धीर-गम्भीर, हर बात को बोलने से पहले तोलना कोई उनसे सीखे। न कोई दिखावा न …
मीनाक्षी डबास ‘मन’ की कविता – ‘स्त्रियों के बाल’
स्त्रियों के बाल कविता है स्वयं जब सुलझाती उनको मानो चुने जा रहे शब्द एक-एक लट की तरह। लहराते हैं जब खुले बाल हवा के संग मानो बहे जाते शब्द …
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संदीप सिंधवाल की कविता – ‘मेरा मैं’
ये जो माटी ढेर है, ‘मैं’ माया का दास। माया गई तो मैं भी, खाक बचा अब पास।। मैं श्रेष्ठ हूं तो सिद्घ कर, मैं अच्छी नहीं बात। सबका मालिक …
सपना की कविता – ‘बेरोजगार’
बेरोजगार कितना मुश्किल यह स्वीकार हूँ, मैं भी बेरोजगार। सत्य को झुठलाया भी नहीं जा सकता न ही इससे मुँह मोड़ सकती हूँ मैं परम् सत्य तो यही है लाखों …
विवेक का गीत- “हर मोड़ पर जिसके लिये, ख़ुद को जलाया है…”
हमने हर मोड़ पर जिसके लिये, ख़ुद को जलाया है। उसी ने छोड़कर हमको, किसी का घर बसाया है।। किया है जिसके एहसासों ने, मेरी रात को रोशन। सुबह उसकी …
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पवन जांगड़ा का गीत, – “बेटी नाम कमावैगी”
बेटी की क्यूट स्माइल नै, देख लाडो की प्रोफाइल नै यो पापा होग्या फैन. यो पापा होग्या फैन। र बेटी धूम मचावैगी, र बेटी नाम कमावैगी.. र बेटी धूम मचावैगी, …