सौ सौ अफसाने हैं
नवगीत सबका अपना तौर-तरीकासबके अपने पैमाने हैं। हैं कई सभ्यताएँऔर उनमें संघर्ष है।कैसे होगा फिरइंसानियत का उत्कर्ष है।। अगर हमारा पंथ निरालाउसके सौ-सौ अफसाने हैं। एकीकृत करने का अबकोई वक्त …
नवगीत सबका अपना तौर-तरीकासबके अपने पैमाने हैं। हैं कई सभ्यताएँऔर उनमें संघर्ष है।कैसे होगा फिरइंसानियत का उत्कर्ष है।। अगर हमारा पंथ निरालाउसके सौ-सौ अफसाने हैं। एकीकृत करने का अबकोई वक्त …
22 22 22 22ग़ज़ल वह तो अफलातून लगा है।पशुता गर नाखून लगा है।। भ्रष्टाचार बढ़ाने वाले,उनके मुँह में खून लगा है। जाड़े के दिन पाँव पसारे,यानि सलाई-ऊन लगा है। सोच-विचार …
22 22 22 22ग़ज़ल वह तो अफलातून लगा है।पशुता गर नाखून लगा है।। भ्रष्टाचार बढ़ाने वाले,उनके मुँह में खून लगा है। जाड़े के दिन पाँव पसारे,यानि सलाई-ऊन लगा है। सोच-विचार …
इक्कीसवीं सदी में देखा गया है कि लगभग हर दो-तीन वर्ष में नवगीत के संकलन प्रकाशित हो रहे हैं, जिनमें कुछ वृहद संकलन हैं, तो कुछ संक्षिप्त हैं। इन संकलनों …
नवगीत-जैसे हबूब गया सूरज निकला सुबह-सुबह शाम को डूब गया। किरणों ने दुनिया में धूप की चादर फैलाई। संगीत फूटा निर्झर से कल-कल की ध्वनि आई।। …
यातायात-नवगीत यातायात मन में दु:ख-विषाद का चल रहा है। जगह-जगह हो रही दुर्घटना है। हो चाहे भोपाल या पटना है।। हैं कैसा समय चाँदनी का रूप …
मीना कुमारी नाज़ की शायरीडॉ. वसीम अनवर सहायक प्राध्यापक उर्दू एवं फारसी विभाग डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर, मध्य प्रदेश [email protected]; 9301316075 मीना कुमारी को एक अव़्वल दर्जा की …