न्यू मीडिया में हिन्दी भाषा, साहित्य एवं शोध को समर्पित अव्यावसायिक अकादमिक अभिक्रम

डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

सृजन ऑस्ट्रेलिया | SRIJAN AUSTRALIA

विक्टोरिया, ऑस्ट्रेलिया से प्रकाशित, विशेषज्ञों द्वारा समीक्षित, बहुविषयक अंतर्राष्ट्रीय ई-पत्रिका

A Multidisciplinary Peer Reviewed International E-Journal Published from, Victoria, Australia

डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं
प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

श्रीमती पूनम चतुर्वेदी शुक्ला

सुप्रसिद्ध चित्रकार, समाजसेवी एवं
मुख्य संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

Day: January 4, 2021

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Stree

स्त्री जब खुश होती है बर्तन माजते माजते कपड़े धोते-धोतेरोटी बेलते बेलते सब्जी में छोका लगाते लगातेभी गुनगुनाती है कभी अकेले खामोश चारदीवारी में भी गुनगुनाती है सुबह से शाम …

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अंतरराष्ट्रीय सम्मान

अंतरराष्ट्रीय मानव एकजुटता पुरस्कार से नवाजे गए साहित्यकार गोविंद अवस्थी रचनाकार का नाम: Sahity पदनाम: Seva संगठन: सच की दस्तक ईमेल पता: देव क्लासेस अलीगढ़ रामघाट रोड[email protected] पूरा डाक पता: …

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Samma

अंतरराष्ट्रीय मानव एकजुटता पुरस्कार से नवाजे गए साहित्यकार गोविंद अवस्थी उत्तर प्रदेश राज्य के अलीगढ़ शहर के युवा साहित्यकार एवं समाजसेवी गोविंद अवस्थी जी वर्तमान में इंजीनियरिंग के छात्र हैं …

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प्रेम

छुई मूई के भाँति अप्रत्याशित और खूबसूरत है प्रेम की प्रकृति जिसमें लज्जा है, सज्जा है और औषधीय प्रवृति भी,मगर इतना सुलभ नहीं है किसी का प्रेम पाना,अगर सच में …

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तव चरणार्पित

अंतरराष्ट्रीय देशभक्ति-काव्य लेखन प्रतियोगिता तव चरणार्पित बाईस अनमोल भाषा रत्नों से जड़ी अनोखा हार, अर्पित है हे माँ तव चरणों में उपहार। बीच में चमक रही है राजभाषा हिन्दी। जैसे …

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तेरे मेरुता तो है ही अमित महान

  अंतरराष्ट्रीय देशभक्ति-काव्य लेखन प्रतियोगिता   तेरे मेरुता तो है ही अमित महान   अगाध- अनंत भूमंडल की- आभा हो तुम हे भारत माता। तेरी अगम्य अमित चेतना की कैसी …

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बचपन

।। ग़ज़ल ।।बचपन से भरा कौन मेरा ख्वाब ले गया ।अम्मा की गोद जन्नत-ए-नवाब ले गया ।। कागज़ की कई कश्तियां पानी का किनारा ।।ये कौन दुश्मनी में बेहिसाब ले …

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कविताओं के सिरे

मेरी कविताओं के बस सिरे नहीं मिलते.. शुरुआत मिलती है क्यूँ अंत नहीं मिलते.. रंगीन पतंग सी उड़ के पहुँचती है दूर… पीछे लौट नहीं पाती,है कैसी मजबूर.. मुरझाये फूलों …

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कोरोना काल अवसर या अभिशाप

कोरोना काल अवसर या अभिशाप   माना कि करोना काल ने कहर है बरसाया। न जाने कितने लोगों को घर पर बैठाया, कई लोगों को अपनों से बिछड़ाया, उन्हें रुलाया, …

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