न्यू मीडिया में हिन्दी भाषा, साहित्य एवं शोध को समर्पित अव्यावसायिक अकादमिक अभिक्रम

डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

सृजन ऑस्ट्रेलिया | SRIJAN AUSTRALIA

विक्टोरिया, ऑस्ट्रेलिया से प्रकाशित, विशेषज्ञों द्वारा समीक्षित, बहुविषयक अंतर्राष्ट्रीय ई-पत्रिका

A Multidisciplinary Peer Reviewed International E-Journal Published from, Victoria, Australia

डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं
प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

श्रीमती पूनम चतुर्वेदी शुक्ला

सुप्रसिद्ध चित्रकार, समाजसेवी एवं
मुख्य संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

Month: November 2020

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देश भक्ति मुक्तक

मुक्तक (देश भक्ति) सभी देशों में अच्छा देश भारतवर्ष प्यारा है,खिले हम पुष्प इसके हैं बगीचा ये हमारा है,हजारों आँधियाँ झकझोरती इसको सदा आईं,मगर ये बाँटता सौरभ रहा उनसे न …

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पथिक

पथिक (नवगीत) जो सदा अस्तित्व से अबतक लड़ा है।वृक्ष से मुरझा के पत्ता ये झड़ा है। चीर कर फेनिल धवल कुहरे की चद्दर,अव्यवस्थित से लपेटे तन पे खद्दर,चूमने कुहरे में …

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चरर्तृहरि की ज्ञान मारक कथाएं

<span;>सब जीव-जंतु अपनी खोपड़ी पर आगे लगे ललाट नामक नोटिस बोर्ड पर लिखवा कर आते हैं। ईश्वर इसके ऊपर स्केच पेन से लिख देता है; जिसे भाग्य कहा जाता है। …

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डॉ प्रियंका मिश्रा की दो कविताएं

1 कितनी बदल गयी है दुनिया कितनी बदल गयी है दुनिया यह स्वीकारा जायेगा या जिसने यह पाप किया वह पापी मारा जायेगा ?   इन्द्रलोक के ऐरावत हो ऐसा …

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अमूल्य त्रिपाठी की नई कविता – “तेरी मुहब्बत”

वो रातें मुझे पसंद है, वो बातें मुझे पसंद है, तेरी मुहब्बत की हर, यादें मुझे पसंद है। चाँदनी रातों में तेरा, खूबसूरत दमकता चेहरा, इन आँखों को बड़ा पसंद …

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प्रभांशु कुमार की नई कविता-मेरे अंदर का दूसरा आदमी

मेरे अंदर का दूसरा आदमी मेरा दूसरा रुप है, वर्तमान परिदृश्य  का सच्चा स्वरूप है। रात में सो रहा होता हूं उसी समय मेरे अंदर का दूसरा आदमी अस्पताल के …

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पढ़िए डॉ० भावना कुंअर का यात्रा वृतांत- अफ्रीकन सफारी

हमारी रोमांचक यात्रा– अफ्रीकन सफ़ारी दुनिया भर में प्रसिद्ध है । काफी समय से हम लोगपरिवार सहित पूर्वी अफ्रीका के प्राकृतिक खूबसूरती से समृद्ध ‘युगांडा की राजधानी ‘कम्पाला ’ में रह …

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प्रभांशु की नई कविता कूड़े वाला आदमी

वह आदमी निराश नही है अपनी जिन्दगी से जो सड़क किनारे कूड़े को उठाता हुआ अपनी प्यासी आंखो से कुछ दूढ़ता हुआ फिर सड़क पर चलते हंसते खिलखिलाते धूलउड़ाते लोगों …

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बेशर्मी के लिए नशा बहुत जरूरी है जनाब…

सुशील कुमार ‘नवीन’ आप भी सोच रहे होंगे कि भला ये भी कोई बात है कि बेशर्मी के लिए नशा बहुत जरूरी है। क्या इसके बिना बेशर्म नहीं हुआ जा …

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‘ओजोन-लेयर’ कविता में अभिव्यक्त पर्यावरण पूरक व्यंग्य

प्रो. (डॉ.) सदानंद भोसलेअध्यक्ष, हिंदी विभागसावित्रीबाई फुले पुणे विश्‍वविद्यालय, पुणे- 07मोबाईल नं. 9822980668ईमेल: [email protected] व्यंग्य ‘सटायरिक स्पिरिट’ है, अर्थात् एक ‘व्यंग्य-भावना’। ‘व्यंग्य-भावना’ साहित्य के माध्यम से बुराइयों की गहरी खोजबीन करती …

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