मुक्तक (देश भक्ति)
सभी देशों में अच्छा देश भारतवर्ष प्यारा है,
खिले हम पुष्प इसके हैं बगीचा ये हमारा है,
हजारों आँधियाँ झकझोरती इसको सदा आईं,
मगर ये बाँटता सौरभ रहा उनसे न हारा है।
(1222*4)
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यह देश हमारी माँ, हम आन रखें इसकी।
चरणों में झुका माथा, सब शान रखें इसकी।
इस जन्म-धरा का हम, अब शीश न झुकने दें।
सब प्राण लुटा कर के, पहचान रखें इसकी।
(221 1222)*2
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देश के गद्दार जो हैं जान लो सब,
उनके’ मंसूबों को’ तुम पहचान लो सब,
नाग कोई देश में ना फन उठाए,
नौजवानों आज मन में ठान लो सब।
देश का ऊँचा करें मिल नाम हम सब,
देश-हित के ही करें बस काम हम सब,
एकता के बन परम आदर्श जग में,
देश को पावन बनाएं धाम हम सब।
(2122*3)
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बासुदेव अग्रवाल ‘नमन’
तिनसुकिया
Last Updated on November 27, 2020 by basudeo
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