मजदूर भाग-1
रामू उठ भोर हो गया कब तक सोते रहोगे जो सोता है वो खोता है जो जागता है पाता है रामू के कानो में ज्यो ही पिता केवल के शब्द …
रामू उठ भोर हो गया कब तक सोते रहोगे जो सोता है वो खोता है जो जागता है पाता है रामू के कानो में ज्यो ही पिता केवल के शब्द …
रामू अपने कार्यालय में एक दिन सुबह ठीक दस बजे पंहुचा आये पत्रों को और समस्याओं को पढ़ता शुरू किया और उसके उचित निदान का निर्देश अपने पी आर ओ …
जन्म दिन मुबारख हो बेटा रिया आज तुम्हारा दसवीं का परिणाम भी आने वाला है आज का दिन तुम्हारे जीवन के लिये बहुत महत्व्पूर्ण है आज का दिन तुम्हारी ढेर …
बहुत मुश्किल होगा बहुत मुश्किल होगा बिन तेरे हम से जी पाना ।तुझे भुला कर किसी और से दिल लगाना ।। बेचैन दिल का हाल किसे बताए सीने …
“मालिक ! अब मुझे इस कर्ज़ से उऋण कर दीजिए। जितने रूपये मैंने आपसे लिए थे, उसके तीन गुना तो अबतक दे चुका हूँ। ” – हरिया, बाबू श्यामलाल के …
समुद्र के किनारे बसे एक शहर में मेला लगा हुआ था । बहुत दूर दूर से व्यापारी मेले व्यापार करने आये हुए थे । अनेकों तरह के सामानों से सजे …
शीर्षक : – बेटी तुम संघार करो यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते की प्रथा बदल रही भारत में, बेबस बेचारी बेटी की …
भारतीय दर्शन संस्कृति परम्पराएँ सहिष्णुता और शान्तिभारतीय समाज एवं संस्कृति की एक अनूठी विशेषता है- विविधता में एकता। इस विशेशता ने ही इसे अनन्त काल से अब तक जीवित रखा …
भारतीय दर्शन संस्कृति परम्पराएँ सहिष्णुता और शान्ति Read More »
मेरे घर से कुछ ही दूरी पर रेलवे स्टेशन है । और रेलवे स्टेशन की दूसरी ओर एक छोटा सा बाजार । हमारे गांव के लोग अकसर बज़ार जाने के …
वापस आओ ओ मेरी माँ सात समंदर पारकर, हुई हो तुम आँखों से ओझल, मिले बिन तुझे ओ मेरी माँ मेरा मन हुआ है मरुस्थल। विदेश में रहकर …