बहुत मुश्किल होगा
बहुत मुश्किल होगा बिन तेरे हम से जी पाना ।
तुझे भुला कर किसी और से दिल लगाना ।।
बेचैन दिल का हाल किसे बताए
सीने पर लगे ज़ख्म किसे दिखाएँ
आसान नहीं हाले दिल सबको बताना
बहुत मुश्किल होगा बिन तेरे हम से जी पाना ।
मय से भरे सारे जाम ख़ाली हो गए
कल के शहंशाह आज मवाली हो गए
अपनी निगाहों से भर दे-मेरे दिल का पैमाना
बहुत मुश्किल होगा बिन तेरे हम से जी पाना ।
यादों में तेरी यूँहीं वक्त गुज़र जाता है
मेरा ख़ुदा मुझे वहाँ ऊपर बुलाता है
तुम हुए साथ तो उसे भी बना दूंगा कोई बहाना
बहुत मुश्किल होगा बिन तेरे हम से जी पाना ।
हर तरफ़ बिखरी ख़ुशबू सिर्फ़ तेरी है
मन-मंदिर में बसी मूरत र्सिर्फ तेरी है
नामुमकिन है किसी और को अपना ख़ुदा बनाना
बहुत मुश्किल होगा बिन तेरे हम से जी पाना ।
न जाने कितनी कोशिशें कीं तुझे मनाने की
फिर भी तेरी आदत नहीं गई हमें सताने की
अब छोड़ो भी ज़ालिम इस ‘दीप को सताना
बहुत मुश्किल होगा बिन तेरे हम से जी पाना ।
तुझे भुला कर किसी और से दिल लगाना
बहुत मुश्किल होगा बिन तेरे हमसे जी पाना ।
संदीप कटारिया (करनाल, हरियाणा)
Last Updated on March 2, 2021 by sandeepk62643
- संदीप कटारिया
- छात्र
- बुद्धा कालेज आफ एजुकेशन
- [email protected]
- करनाल , हरियाणा