न्यू मीडिया में हिन्दी भाषा, साहित्य एवं शोध को समर्पित अव्यावसायिक अकादमिक अभिक्रम

डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

सृजन ऑस्ट्रेलिया | SRIJAN AUSTRALIA

विक्टोरिया, ऑस्ट्रेलिया से प्रकाशित, विशेषज्ञों द्वारा समीक्षित, बहुविषयक अंतर्राष्ट्रीय ई-पत्रिका

A Multidisciplinary Peer Reviewed International E-Journal Published from, Victoria, Australia

डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं
प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

श्रीमती पूनम चतुर्वेदी शुक्ला

सुप्रसिद्ध चित्रकार, समाजसेवी एवं
मुख्य संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

Month: February 2021

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हिन्दी साहित्य में नारी जागृति

हिन्दी साहित्य में नारी जागृति रचनाकार का नाम: डॉ अभय नाथ सिंह पदनाम: असिस्टेंट प्रोफेसर- हिन्दी संगठन: किसान स्नातकोत्तर महाविद्यालय रकसा रतसर-बलिया ईमेल पता: [email protected] पूरा डाक पता: ग्राम+पोस्ट-संवरा, जिला-बलिया, …

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*नारी सशक्तिकरण-मेरी बेटी मेरा मान*

शीर्षक : @नारी सशक्तिकरण-मेरी बेटी मेरा मान@************************************(नारी सशक्तिकरण पर एक रचना)   नारी सशक्तिकरण एक फरमान है।माँ की शक्तियाँ जनता ये जहान है। इनमें अद्भुत क्षमता ऊँची उड़ान है।पृथ्वी ही …

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*कफ़न में ज़ेब नहीं-सब यहीं धरा रह जायेगा*

*कफ़न में जेब नहीं-सब यहीं धरा रह जायेगा***************************************** रचयिता : *डॉ.विनय कुमार श्रीवास्तव*वरिष्ठ प्रवक्ता-पी बी कालेज,प्रतापगढ़ सिटी,उ.प्र.   जी रहा है आदमी कपड़े बदल बदल कर।ले जायेंगे 1दिन लोग कन्धा …

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*कफ़न में ज़ेब नहीं-सब यहीं धरा रह जायेगा*

*कफ़न में जेब नहीं-सब यहीं धरा रह जायेगा***************************************** रचयिता : *डॉ.विनय कुमार श्रीवास्तव*वरिष्ठ प्रवक्ता-पी बी कालेज,प्रतापगढ़ सिटी,उ.प्र.   जी रहा है आदमी कपड़े बदल बदल कर।ले जायेंगे 1दिन लोग कन्धा …

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आश्रित सेवारत नारी भाग एक

बचपन की खुशियां माँ बाप के मन आँगनघर आँगन की किलकारीबेटी लक्ष्मी अरमानो कीआशा प्यारी।।पलको पे बिठा रखा माँ बाप भाई बहनों नेकोई कमी नही होने दीजरा सी बात भी …

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जेठ की भरी दोपहरी

  जेठ की भरी दोपहरी मेंएक दिया दिया जलाने कीकोशिश में लम्हा लम्हा जियेजिये जा रहा हूँ।।शूलों से भरा पथ शोलों सेभरा पथ पीठ लगे धोखे फरेबके खंजरों के जख्म …

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वह औरत मुझे अच्छी नही लगती !

दुनिया के इस भिड में मुश्किल है स्वयंका चेहरा खोजना. हर एक चेहरा आइने मे आगे पिछे प्रतित होता. कभी सुअर का तो कभी लोमडी का. हर एक परेशांन है …

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अंबा सन्मति दे,वरदे

  अंबा सन्मति दे,वरदे   काश्मीर पुरवासिनी शारदे, अंबा सन्मति दे, वरदे। जीवन वीणा झंकृत कर दे।      लय,तालयुत श्रुति भर दे,       ।।1।।   वीणा वादिनी हे जगदंबा,       नाद सुवाहिनी माँ …

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चित्रकूट

 चित्रकूट सम कूट नहिं इस दुनिया में कोय बसे राम जहाँ द्वादश साधुवेश में सोय सीता नारि तपस्विनी लखन भाइ केसंग दोऊ हाथ धनुहा लिए और साधे निसंग पयस्वनी निर्मल …

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आज फिर उलफत अजीब सा

आज फिर उलफत अजीब सा है।दिल में गफलत अजीब सा है।खबर खैर का खुद ही पता सा है।मेरे मन ने क्या खोया-क्या पाया।देखो सही आँखों पे धूल सी जमी क्यों …

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