प्रेम काव्य लेखन प्रतियोगिता (प्रेम आज-कल)
प्रेम!आजकल प्रभावित है…उपभोक्तावादी बाजारी संस्कृतिऔर फिल्मी देह बाजारी से।फलिभूत कर्ज और उधारी से।रोज नए फूल खिलते,तन से तन मिलते,कौड़ियों के भाव परअवसरवादी स्थापित-विस्थापितभावनात्मक जुड़ाव है।मादा की क्षणिक काया,नर के पाकेट …