न्यू मीडिया में हिन्दी भाषा, साहित्य एवं शोध को समर्पित अव्यावसायिक अकादमिक अभिक्रम

डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

सृजन ऑस्ट्रेलिया | SRIJAN AUSTRALIA

विक्टोरिया, ऑस्ट्रेलिया से प्रकाशित, विशेषज्ञों द्वारा समीक्षित, बहुविषयक अंतर्राष्ट्रीय ई-पत्रिका

A Multidisciplinary Peer Reviewed International E-Journal Published from, Victoria, Australia

डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं
प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

श्रीमती पूनम चतुर्वेदी शुक्ला

सुप्रसिद्ध चित्रकार, समाजसेवी एवं
मुख्य संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

Month: January 2021

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प्रेम काव्य लेखन प्रतियोगिता (प्रेम आज-कल)

प्रेम!आजकल प्रभावित है…उपभोक्तावादी बाजारी संस्कृतिऔर फिल्मी देह बाजारी से।फलिभूत कर्ज और उधारी से।रोज नए फूल खिलते,तन से तन मिलते,कौड़ियों के भाव परअवसरवादी स्थापित-विस्थापितभावनात्मक जुड़ाव है।मादा की क्षणिक काया,नर के पाकेट …

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महिला दिवस काव्य प्रतियोगिता ( स्त्रीत्व)

डर कर,थक,ऊब करवह प्रत्येक स्त्री!जो आत्महत्या करके मर गई;कमल और कुमुदिनी थी। और जो जिंदा रह गईफिक्र में घर-गृहस्थी,बाल-बच्चों के। वह औरत मुझे,पोखर की हेहर/थेथर(नहर, तालाब के किनारेउगने वाले हरे …

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कामना

मेरी हार्दिक इच्छा है कि लोग भूल जाएंँ,पपड़ियों की तरह उधड़ते,पंखुड़ियों की बिखरते,उद्वेलित नश्वरता की क्षणभंगुरता में झड़ता मेरा चेहराऔर रूप-रंग!पर सदियों तकउनके मन-मस्तिष्क में,मेरे शब्द और कविताएँकुछ इस तरह …

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जय भारती

  जय भारती   जय हो आज दिन है भारत के गणतंत्र. रह पाए हैं हम, अब सर्व-स्वतंत्र, लहराकर आज अपना तिरंगा प्यारे, रहे सदा पुलकित भारतवासी न्यारे।   जलाकर …

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बेटी

बिटियाँ रूप तुम्हारा रानी बेटी लगता है प्यारा-प्याराघर की रौनक तुम सबकी आँखों का तारा। श्वेत लाल रंगों की फ्रॉक जैसे लटके बलूनछोटे-छोटे पैर तुम्हारे लगें मुलायम प्रसून। उस पर …

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गणतंत्र दिवस

*गणतंत्र दिवस मनायें* गणतंत्र दिवस मनायें,ये गणराज्य मुस्कुराये।पावन धरा ये है हमारी,इसको और जगमगायें।नदियां गाती कल-कल,चलो निर्मल इसे बनायें।पर्वत कहते सिर उठाके,सबसे ऊंचा इसे बनायें।नवजागरण लेकर चलें,हमारा  देश जगमगाये।गणतंत्र दिवस …

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गणतंत्र दिवस पर स्वर्णिम अध्याय लिखने की तैयारी में शांति-संयम का गठजोड़…

सुशील कुमार ‘नवीन’ ‘एको अहं, द्वितीयो नास्ति, न भूतो न भविष्यति!’ अर्थात् एक मैं ही हूं दूसरा सब मिथ्या है। न मेरे जैसा कभी कोई आया न आ सकेगा। आप …

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गणतंत्र दिवस पर सभी देशवासियों समर्पित “मेरा भारत”

मेरा भारत सब देशों से न्यारा भारत सबसे प्यारा हमारा भारतजन्म लिया देवों ने भारत मेंइतना मनमोहक सुंदर हमारा भारत विविधता में एकता की पहचान यही है मेरे भारत की …

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