ए भारत माँ फिर से एक एहसान कर दे
वही सोने की चिड़िया वाला मेरा हिंदूस्तान कर दे,
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मुझे चुभती हैं नस्तर सी ये ख़ार की नस्लें
मिटा दे नक़्शे-पटल से इनका काम तमाम कर दे,
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कर कोख़ से पैदा फिर राजगुरु,सुखदेव,भगतसिंह
ये गुलशन हो चला वीरां फिर से गुलिस्तान कर दे,
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बहुत सह चुके अब अखरते हैं दिल को दगाबाज़ ये
ले-ले हाथों में मशाल, जंग का ऐलान कर दे,
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खरपतवार नफ़रतों की ना ये फिर से पनप जाये
माँ ऐसे मेरे चमन के तू बागबाँ कर दे ,
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कल-2 करते झरने,नदियाँ महके पीले सरसों के फूल
गाते-गुनगुनाते किसान लहलहाते खेत-खलिहान कर दे,
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जलते रहें “दीप” खुशियों के सदाआँगन में यूँ ही
चाँद-सितारों से चमकता ये अंबर, आसमान कर दे !!
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कुलदीप दहिया “मरजाणा दीप”
हिसार ( हरियाणा ) भारत
Last Updated on January 26, 2021 by ddeep935
- कुलदीप दहिया "मरजाणा दीप"
- शिक्षक
- शिक्षा विभाग हरियाणा
- [email protected]
- कुलदीप दहिया c/o श्री देशराज गोरिया H. No. 830, मेन गली ( गीता कॉलोनी ) आज़ाद नगर , हिसार पिन कोड-125001 ( हरियाणा ) भारत