सैनिक
देश के रक्षक देश की शान ,
है अपने ये सैनिक महान ।
इनके बल पर अपनी चैन,
इनके ही भरोसे है दिन रैन ।
कोई कितना ऊँचा होजाये ,
इनतक कोई पहुँच न पाये ।
मन्दिर मस्जिद या गुरूद्वारे,
सबकी रक्षा में जान ये वारे।
इनका धर्म बस केवल एक,
मातृभूमि की रक्षा का नेक।
वीर सपूत ये महान है माता ,
तुलना है न कोई कर पाता ।
धन्य धरा के तुम धन्य सपूत,
तुम पर बलिहारी लाखों पूत।
डॉ.सरला सिंह स्निग्धा
दिल्ली ।
Last Updated on January 26, 2021 by sarlasingh55
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