फूल जैसी बेटी
फूल जैसी बेटियों का ध्यान रखता हूंँ यहांँ सुखद पल अनमोल क्षण मेंबेटियांँ रहती हैं मन में …..जगमगाते हुए सदन में – २गुणगान करता हूंँ यहांँ फूल जैसी बेटियों का …
फूल जैसी बेटियों का ध्यान रखता हूंँ यहांँ सुखद पल अनमोल क्षण मेंबेटियांँ रहती हैं मन में …..जगमगाते हुए सदन में – २गुणगान करता हूंँ यहांँ फूल जैसी बेटियों का …
अब जागो माँ ! अब औरतों को गड़े मुर्दे उखाड़ने की आदत बदलनी होगी इतिहास के पन्नों में छिपे उन उदाहरणों को भी चुनना होगा जहाँ स्त्री शक्ति है दुष्टों …
महिला दिवस काव्य प्रतियोगिता हेतु कविता – अब जागो माँ ! Read More »
स्त्री सम्मान है पृथ्वी का, प्रकृति का समाज की रगों में बहता गर्म लहू है धड़कन है परिवार की संबधो का ऊँचा मस्तक है सपनों भरी आँख है बच्चों की …
महिला दिवस काव्य प्रतियोगिता हेतु कविता – स्त्री Read More »
“औ” से औरत और भी बहुत कुछ है “औरत” जीवन की वर्णमाला में माँ, बहन, बेटी बहु,पत्नी, सखी के रिश्तों से परे भी है औरत वो जो सुबह उठते ही …
महिला दिवस काव्य प्रतियोगिता हेतु कविता – “औ” से औरत Read More »
महिला दिवस काव्य प्रतियोगिता 1.फिर देखो फिर देखो… हम नदी के दो किनारे हैं , जब चलना साथ है तो इतना आघात क्यूँ तुम तुम हो तो मैं मैं क्यूँ …
” प्रेम काव्य लेखन प्रतियोगिता” शीर्षक : ” प्यार का पौधा ” ———————————–प्यार को यूँहीं नफरत में ,बदला न करो ।तड़पते दिलों जैसी बातें ,किया न करो।। बीत जाएँगे …
प्रेम काव्य लेखन प्रतियोगिता शीर्षक : ” प्यार का पौधा “ Read More »
काश!मैं सही से समझ पाऊँ.. बंधन में ना बांधू और तुम्हें कभी बाध्य भी ना करुँ,बिना कहे तुम्हारे शब्दों को मैं सही से समझ पाऊँ…व्याकुलता महसूस कर तुम्हारी कभी तुम्हें …
मुझे क्या ! मालूम था कि तुझे,मुझसे मोहब्बत थी इतनी। अगर साहस और प्रेम भाव थे पास तेरे ।कह देने में गुनाह क्या थी।।नदी की धारा बहती है,वो भी कुछ …
अन्तर्राष्ट्रीय महिला काव्य प्रतियोगिता शीर्षक — ” मातायेँ लें संकल्प “ ********************** माताएँ लें संकल्प!!तभी बदलेंगी काया-कल्प!!जब तक रहेगी मन में,उमंगे भरी खुशहाली।तब तक छाई रहेगी हमारे ,जीवन की हरियाली।।जल …
युवा किशोर कोमल कलीकिसलय आवारा अहंकार केपुरुष समाज में रौदी जाती नारी।।लज्या भय की मारी कभीखड़ी न्यायालय में कभी किसीकार्यालय में खुद के सम्मान कीगुहार लगाती नारी।।आँखे सुनी ,आँखे सुखी …