काश!मैं सही से समझ पाऊँ..
बंधन में ना बांधू और तुम्हें कभी बाध्य भी ना करुँ,
बिना कहे तुम्हारे शब्दों को मैं सही से समझ पाऊँ…
व्याकुलता महसूस कर तुम्हारी कभी तुम्हें आघात ना करूं,
अक्सर जो छिपा जाते हैं मुझसे वो मैं समझ पाऊँ..
सिर्फ तन से ही नहीं मन से भी तुम्हें स्पर्श कर सकूँ,
तुम्हारे आयाम को मैं तुम्हारा विराम ना समझ पाऊँ…
स्थिरता पर तुम्हारी कभी प्रश्न ना करूं,
तुम्हारे ठहराव को मैं तुम्हारा भटकाव ना समझ पाऊँ…
जो दर्शाते नहीं हो,वो प्रेम मैं महसूस कर सकूँ,
तुम्हारे प्रेम की असीम गहराईयों को मैं स्वम में उतार पाऊँ…
जिसका उल्लेख नहीं करते हो,वो उत्कंठा को मैं छू सकूँ
मेरी सीमित सोच से परे मैं तुम्हारी विकसित दूरदृष्टि देख पाऊँ…
अनकही और अनसुलझी तुम्हारी उलझनों का एहसास करुँ,
विरह और वेदना के पलों को मैं समझ पाऊँ…
तुम्हारे तपन को बल सा मैं महसूस कर सकूँ,
अपने भीतर की शक्ति से तुम्हें ऊर्जावान कर पाऊँ….
जो कुछ क्षण तुमसे मिले हैं,उन्हें सकुन से जी सकूँ,
तुम्हारी व्यवस्था और व्यस्तता को मैं सही से समझ पाऊँ…
अपने अचार,विचार और व्यवहार से तुम्हें उन्मुक्त रख सकूँ,
अपनी स्वतंत्रता की परिधि को मैं सही से समझ पाऊँ….
डॉ निर्मला नीतू
प्रधानाचार्या
भारतीयम स्कूल,
डेल्टा-I,ग्रेटर नोएडा (उ. प्र.)
7042628813
Last Updated on January 20, 2021 by nirmalaneetug
- डॉ निर्मला नीतू
- प्रधानाचार्या
- भारतीयम स्कूल
- [email protected]
- HS-9A,डेल्टा-I,ग्रेटर नोएडा (उ. प्र.)