ऐ मेरे वतन ——||
ऐ मेरे वतन ——|| मैं आजाद हूँ, मगर आज भी, वक्त की तलहटी पर, नजरें टिकाए बैठा हूँ ऐ वतन तुझको मैं, अपनी दुनिया बनाएं बैठा हूँ अब …
ऐ मेरे वतन ——|| मैं आजाद हूँ, मगर आज भी, वक्त की तलहटी पर, नजरें टिकाए बैठा हूँ ऐ वतन तुझको मैं, अपनी दुनिया बनाएं बैठा हूँ अब …
जन्मदात्री शक्ति दायनी मां जीवन की झंकार है, मां जीवन की आधार मां में सिमटा सारा संसार है। जीवन की मां पहली मूरत निस्वार्थ भाव की संदर्भ है, पालन-पोषण करने …
महिला दिवस काव्य लेखन प्रतियोगिता “माँ जीवन की आधार” Read More »
सशक्तिकरण की जयकारों से गूंजेगी मां वसुंधरा, दुर्गा स्वरूपा शक्ति दायनी की चर्चाओं से अंर्तमन मेरा पूछ पड़ा, वेदों में पुराणों में महिमा नारी की गाते हो, गर्भ में कन्या …
महिला दिवस काव्य लेखन प्रतियोगिता “बचा लो बेटी का सम्मान” Read More »
कविता*जय भारत , जय भारती* खाते हैं जिस देश कागाते है उसी देश काक्योंकि यह धरती हमारी माता हैजय भारत , जय भारतीसिवा मुझे नहीं कुछ आता है कल-कल बहती …
अरुण कमल वरिष्ठ अनुवाद अधिकारी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन मुख्यालय डीआरडीओ भवन राजाजी मार्ग नई दिल्ली-110011 मो -9811015727 [email protected] देश भक्ति काव्य प्रतियोगिता के लिए दो कविताएँ …
तन वतन के लियेमन वतन के लिएभाव भावनाए वतन का प्रवाहवतन ही जिंदगी वतन ही पहचान ।।वतन पर जीना मरना ही ख्वाब हकीकत अरमान वतन सलामत रहे वतन से ही …
मां,,,,, 1,,, मां चंदा की चांदनी ,मां सूरज की धूप।। वक़्त पड़े ज्वालामुखी ,वक्त़ पड़े जल रूप।। 2,,,, सरिता मां की नम्रता, इसमें इतना प्यार।। जीवन भर टूटे नहीं, जिसकी …
महिला दिवस काव्य प्रतियोगिता शीर्षक मां दिनांक 2 जनवरी 2021 Read More »
“देश भक्ति काव्य लेखन प्रतियोगिता” हेतु साष्टांग नमन तुमको करती, शत बार नमन तुमको करती। मिट्टी से इसकी तिलक करूं, मैं देश नमन तुमको करती ।। …
हिन्दी हमारी आन हैहिन्दी हमारी शानहिन्दी से बना हिन्द हमाराहिन्दी से जिंदा है हिन्दुस्तान हिन्दी से हमारी जय जयकारप्रगति का यहीं आधारशब्द सरिताएं समाती इसमेंसागर सा है विशाल आकर आओ …
-सृजन आस्ट्रेलिया ई पत्रिका(प्रेम कविताएँ)-यही आस अंतिम बाक़ी-प्यार किया जाता है कैसे,मिले जो तुमसे सीख गए मोहनी मूरत साँवली सूरत,पर हम तेरी रीझ गए बच्चों जैसी बातें तेरी,मीठी-मीठी सी मुस्कान …