सदबुद्धि यज्ञ
लाला गजपति विल्लोर गाँव के संपन्न कायस्थ परिवार के मुखिया थे उनके परम् मित्र थे ठाकुर सतपाल सिंह और पंडित महिमा दत्त तीनो मित्रो के ही विचार गाँव में …
लाला गजपति विल्लोर गाँव के संपन्न कायस्थ परिवार के मुखिया थे उनके परम् मित्र थे ठाकुर सतपाल सिंह और पंडित महिमा दत्त तीनो मित्रो के ही विचार गाँव में …
*हे अन्नदाता ! ,हे अन्नदाता !* हे अन्नदाता ! हे अन्नदाता !उठों जागों तुम्हें खेत बुलाताहल तुझसे पहलें जाग गएबैल खेतों को भाग गएजिससें तेरा जन्मों से नाताहे अन्नदाता ! …
http://कृष्ण -अर्जुन संवाद प्रेरित मेरे द्वारा रचित #कविता ———-////————— #जीवन संग्राम के महासमर में, विजय का वरण तभी होगा, गिद्ध और सियारो से हटकर यदि सिंह दल गठन होगा । …
http://मर्यादा #पुरुषोत्तम श्री राम को समर्पित मेरी #कविता ——–////—————– #श्री राम तुम महान हो, समस्त जगत का कल्याण हो इतिहास नहीं वर्तमान हो, प्राणों का आह्वान हो राष्ट्र की गौरव …
कहीँ जब सुर्ख सूरज निकलता हैजिंदगी दौड़ती है चाहतों के रफ्तार में।कहीँ जब शाम ढलती है जिंदगीठहर सी जाती है चाहतों के चाँदके इंतज़ार में।।इंसा हर लम्हे को जीता चाहतोंख्वाईसों …
चाँद से सवाल चंदा मामा हमारे घर भी आओ ना,मेरे संग बैठकर हलवा-पूड़ी खाओ ना । मुझे करनी हैं, तुमसे ढेर सारी बातें तुम्हें बुलाते-बुलाते गुज़र गई कई रातें । …
यूँ मायूस मत बैठो । यूँमायूस मत बैठो, हँसों मुस्कुराओं दोस्तों ।ख़्वाब से निकलो हक़ीक़त में आओ दोस्तों ।। एक उम्र गुज़ार दी ज़माने वालों के काम देखते-देखते;अब बारी तुम्हारी …
प्रेम महज ढ़ाई अक्षर का एक शब्द नहीं प्रेम में है समाहित भावना रुपी समुद्र ज्ञान रुपी नभ।। प्रेम महज ढ़ाई अक्षर का एक शब्द नहीं प्रेम पूजा है प्रेम …
आसमान छोटा हो गया है परिंदों के ख़ातिर इंसानी दिमाग हो रहा है धीरे-धीरे शातिर ज़मी पे अभी पाँव पूरी तरह रखे नहीं हैं आसमां में आशियाँ बनाने में होने …
मेरी कविता में तुझे पढ़ा जाना मेरी कविता में तुझे पढ़ा जानाछोटी सी बात नहीं हैजीवन का सार है उन शब्दों मेंजिनमें तेरी उमंग, तेरे साहस,तेरी सहनशीलता, तेरे …