गीत
ज़िंदगी में जो पढ़ा है,सब निरर्थक जान पड़ता,आचरण के पाठ सारे,पाठ्यक्रम से हट गये हैं ! रीढ़ पर अपनी खड़े होकर चले ,रात को हम दिन भला कैसे लिखें,मापदण्डों पर …
ज़िंदगी में जो पढ़ा है,सब निरर्थक जान पड़ता,आचरण के पाठ सारे,पाठ्यक्रम से हट गये हैं ! रीढ़ पर अपनी खड़े होकर चले ,रात को हम दिन भला कैसे लिखें,मापदण्डों पर …
[ जो बेडेन के सामने बराक ओबामा की बजाय चुनौतियां बहुत कम है. पिछले चार साल की कमियों को पूरा करना ही उनका लक्ष्य होगा. इंडो-पेसिफिक संबंधों पर जोर, इंटरनेशनल संस्थाओं में सक्रियता, जलवायु एवं पर्यावरण के मुद्दों पर बातचीत एवं सभी अमेरिकियों को साथ लेकर चलना उनके सामने बड़ी चुनातियाँ होगी. संयुक्त राज्य अमेरिका के 46 वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने वाले जॉ बिडेन के साथ डेमोक्रेटिक सूरज ने आखिरकार ट्रम्प प्रशासन पर कब्जा कर लिया है. नई दिल्ली अगले कुछ हफ्तों तक वाशिंगटन पर कड़ी नजर रखने जा रही है ताकि यह समझ सके कि भारत-अमेरिका के संबंध कैसे आकार लेंगे.]
परिधि चक्कर लगाती रही वह बचपन से ही गोल गोल परिधि के भीतरपृथ्वी की तरह लगातार कभी कभी अनजाने मेंकभी कभी जानबूझकर कभी कभी जबरदस्ती परिधि बदलती रहीपरिधि के निर्माता …
परिधि चक्कर लगाती रही वह बचपन से ही गोल गोल परिधि के भीतरपृथ्वी की तरह लगातार कभी कभी अनजाने मेंकभी कभी जानबूझकर कभी कभी जबरदस्ती परिधि बदलती रहीपरिधि के निर्माता …
महिला दिवस काव्य प्रतियोगिता हेतु प्रेषित रचनाएँ 1.मैं जायदाद क्यूँ फिर देखो… हम नदी के दो किनारे हैं , जब चलना साथ है तो इतना आघात क्यूँ …