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गीत

ज़िंदगी में जो पढ़ा है,
सब निरर्थक जान पड़ता,
आचरण के पाठ सारे,
पाठ्यक्रम से हट गये हैं !

रीढ़ पर अपनी खड़े होकर चले ,
रात को हम दिन भला कैसे लिखें,
मापदण्डों पर न उतरे वक़्त के,
जो रहे अंदर वही बाहर दिखे !

धार के विपरीत चलकर,
पार कैसे हो सकेंगे ?
राजपथ की रौशनी से,
इसलिये हम कट गये हैं !

@ मुकेश त्रिपाठी 




नए अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए भारत है सफलता की कहानी

अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अमेरिका के 46 वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ले ली  है.अमेरिका के नये राष्ट्रपति जो बाइडेन के सामने बहुत से अवसर हैं और चुनौतियां भी. कोरोना वायरस महामारी के दौर में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप को हराकर जो बाइडन देश के 46वें राष्ट्रपति बने है. जो बाइडेन ने कहा है कि वर्तमान संकट बड़ा और रास्ता मुश्किल है. अब हम और वक्त बर्बाद नहीं कर सकते.  जो करना है वो, फौरन करना है. लेकिन बाइडन सरकार को इसका बात का भी अहसास है कि नई सरकार के लक्ष्य को हासिल करने के रास्ते इतने आसान भी नही हैं.

अमेरिकी संसद के निचले सदन यानी हाउस ऑफ़ रिप्रेज़ेंटेटिव्स और सीनेट में डेमोक्रेट्स के मुकाबले रिपब्लिकन पार्टी की ताक़त देखते हुए डेमोक्रेट पार्टी के जो बाइडेन के लिए अपने घरेलू एजेंडे को पूरी तरह से लागू कर पाना क्या आसान होगा, ये एक अहम सवाल है. पद संभालने के पहले 10 दिनों के अंदर बाइडेन ने कोरोना महामारी, बेबस अमेरिकी अर्थव्यवस्था, जलवायु परिवर्तन और नस्लीय भेदभवाव से संबंधित चार अहम संकटों के समाधान की दिशा में निर्णायक कदम उठाने की बात कही है. पिछले दिनों जो बाइडेन ने अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए 1.9 ट्रिलियन डॉलर के नए राहत पैकेज की शुरुआत भी की है.  इस पैकेज को अमेरिकन रेस्क्यू प्लान नाम दिया गया है.

बाइडेन प्रशासन ने कोविड वैक्सीनेशन में तेजी लाने के लिए एक ठोस योजना बनाई है जैसा कि जो बाइडेन ने पहले वादा किया गया था. पेरिस जलवायु समझौते में फिर से अमेरिका के शामिल होने और कुछ मुस्लिम बहुसंख्यक देशों के लोगों के प्रवेश पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने समेत कई अहम आदेशों पर हस्ताक्षर करेंगे. देश में अवैध रूप से रह रहे 1.1 करोड़ लोगों की नागरिकता को लेकर स्थिति स्पष्ट करने का कानून लाना भी बाइडेन सरकार के एजेंडे में शामिल है. अमेरिका के नये राष्ट्रपति जो बाइडेन की योजनाओं और उसे अमलीजामा पहनाने की कोशिशे क्या रहेगी ये तो अब वक्त बताएगा.

एक करीबी चुनाव जीतने के बाद, राष्ट्रपति-चुनाव जो बिडेन को अब एक घातक विभाजित महामारी और संघर्षरत अर्थव्यवस्था से जूझ रहे एक गहरे विभाजित राष्ट्र को संचालित करने पर ध्यान केंद्रित करना होगा. नए उदारवादी डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति के लिए, अपनी पार्टी में प्रगतिवादियों के समर्थन को बनाए रखते हुए, दोनों को रूढ़िवादी रिपब्लिकन के साथ साझा आधार खोजने में सफलता की उम्मीद बनानी होगी.

राष्ट्रपति ट्रम्प के गैर-तथ्य-आधारित दावे के बावजूद कि चुनाव में धांधली हुई थी, सभी राज्यों ने अपने डेटा को प्रमाणित किया है और जो बिडेन को जल्द ही संयुक्त राज्य के 46 वें राष्ट्रपति के रूप में वोट दिया. हालांकि उनके  प्रशासन को एक उथल-पुथल का सामना करेगा, क्योंकि  सीनेट में बहुमत  जनवरी में जॉर्जिया में रन-ऑफ में तय किया जाएगा.  अपने मंत्रिमंडल में जो भी विकल्प चुने वो सभी अनुभवी, सरकार में पारंगत, चुनौतियों के प्रति समझदार होना जरूरी होगा. चार साल पहले, राष्ट्रपति ट्रम्प ने अपने उद्घाटन संबोधन का इस्तेमाल करते हुए कहा था कि वह ‘अमेरिकी नरसंहार’ को समाप्त करने का वादा करते हैं.

राष्ट्रपति-चुनाव  जीतने के बाद जो बिडेन  उसी स्थान पर दिखाई दिए.  6 जनवरी को हुए रक्तपात का मतलब था 45 वें से 46 वें राष्ट्रपति के हाथों की सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण नहीं होना.  वाशिंगटन पोस्ट-एबीसी न्यूज पोल में पाया गया कि बिडेन ने 49 प्रतिशत अमेरिकियों के साथ कार्यालय में प्रवेश किया है जो देश के भविष्य के लिए सही निर्णय लेंगे.  खैर ये चार साल पहले ट्रम्प के 38 प्रतिशत अंक की तुलना में बहुत अधिक विश्वास का प्रतिनिधित्व करता है, लेकिन 61 प्रतिशत की तुलना में बहुत कम है जो 2009 में बराक ओबामा के फैसलों पर भरोसा व्यक्त करते थे.

फिर भी जो बेडेन के सामने  बराक ओबामा की बजाय चुनौतियां बहुत कम है. पिछले चार साल की कमियों को पूरा करना ही उनका लक्ष्य होगा. इंडो-पेसिफिक संबंधों पर जोर, इंटरनेशनल संस्थाओं में सक्रियता, जलवायु एवं पर्यावरण के मुद्दों पर बातचीत एवं सभी अमेरिकियों को साथ लेकर चलना उनके सामने बड़ी चुनातियाँ होगी. संयुक्त राज्य अमेरिका के 46 वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने वाले जॉ बिडेन के साथ डेमोक्रेटिक सूरज ने आखिरकार ट्रम्प प्रशासन पर कब्जा कर लिया है. नई दिल्ली अगले कुछ हफ्तों तक वाशिंगटन पर कड़ी नजर रखने जा रही है ताकि यह समझ सके कि भारत-अमेरिका के संबंध कैसे आकार लेंगे.

बिडेन प्रशासन ने राज्य के नामी एंथोनी ब्लिंकेन के सचिव और रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन जैसे मजबूत अधिकारियों को भारत-अमेरिका संबंधों के लिए उत्साहजनक पूर्वावलोकन दिया है. बिडेन खुद भारत के साथ दोस्ताना संबंधों के मुखर समर्थक रहे हैं और राष्ट्रपति बराक ओबामा के नेतृत्व में उपराष्ट्रपति के रूप में अपने दिनों के बाद से नई दिल्ली में एक परिचित चेहरा हैं. हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की निवर्तमान भारत की नीति का समर्थन करते हुए, ब्लिंकन ने कहा था कि भारत लगातार अमेरिकी प्रशासन की “द्विदलीय सफलता की कहानी” रहा है.

 – डॉo सत्यवान सौरभ,
रिसर्च स्कॉलर,कवि,स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार,

डॉo सत्यवान सौरभ, 

, कवि,स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, आकाशवाणी एवं टीवी पेनालिस्ट,
333, परी वाटिका, कौशल्या भवन,
बड़वा (सिवानी) भिवानी, हरियाणा – 127045
मोबाइल :9466526148,01255281381
(मो.) 01255-281381 (वार्ता)
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Dr. Satywan Saurabh
Research Scholar in Political Science, Delhi University
333,Pari Vatika, Kaushalya Bhawan, 
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Contact- 94665-26148, 01255-281381



परिधि

परिधि

चक्कर लगाती रही वह बचपन से ही
गोल गोल परिधि के भीतर
पृथ्वी की तरह लगातार

कभी कभी अनजाने में
कभी कभी जानबूझकर
कभी कभी जबरदस्ती

परिधि बदलती रही
परिधि के निर्माता बदले
धुरी बदलती रही
पर गोल गोल घूमना जारी रहा

वो चक्कर लगाती रही ताकि
समाज समाज बना रहे
सामाजिक परंपराएं बची रहें
बचे रहें संस्कार
माता पिता का आदर सत्कार
बचा रहे धर्म
उसका तथाकथित
चरित्र ,शील,
बचा रहे लोगों का विश्वास

पर इस चक्कर लगाने
और बचने बचाने में
खोया कुछ ने आत्म सम्मान
आत्मबल , अस्तित्व
बची रह गई सिर्फ धुरी ,परिधि
और गोल गोल घूमना

भारती श्रीवास्तव

 

 




परिधि

  1. परिधि

    चक्कर लगाती रही वह बचपन से ही
    गोल गोल परिधि के भीतर
    पृथ्वी की तरह लगातार

    कभी कभी अनजाने में
    कभी कभी जानबूझकर
    कभी कभी जबरदस्ती

    परिधि बदलती रही
    परिधि के निर्माता बदले
    धुरी बदलती रही
    पर गोल गोल घूमना जारी रहा

    वो चक्कर लगाती रही ताकि
    समाज समाज बना रहे
    सामाजिक परंपराएं बची रहें
    बचे रहें संस्कार
    माता पिता का आदर सत्कार
    बचा रहे धर्म
    उसका तथाकथित
    चरित्र ,शील,
    बचा रहे लोगों का विश्वास

    पर इस चक्कर लगाने
    और बचने बचाने में
    खोया कुछ ने आत्म सम्मान
    आत्मबल , अस्तित्व
    बची रह गई सिर्फ धुरी ,परिधि
    और गोल गोल घूमना

    भारती श्रीवास्तव

     

     




महिलाददिवस काव्य प्रप्रतियोगिता

  1.  

महिला दिवस काव्य प्रतियोगिता हेतु प्रेषित रचनाएँ

 

1.मैं जायदाद क्यूँ

 

फिर देखो

हम नदी के दो किनारे हैं

जब चलना साथ है 

तो इतना आघात क्यूँ

तुम तुम हो तो

मैं मैं क्यूँ नहीं

मैं धरा हूँ तो

तुम गगन क्यूँ नहीं

मैं बनी उल्लास तो

तुम विलास क्यूँ

मैं परछाईं हूँ तुम्हारी

फिर अकेली क्यूँ

तुम एक शख्सियत हो

तो मैं मिल्कियत क्यूँ

तुम एक व्यक्ति हो तो

मैं एक वस्तु क्यूँ 

तुम्हारी गरिमा की वजह हूँ मैं

फिर इतना अहम क्यूँ

तुम मेरी कायनात हो तो

मैं जायदाद क्यूँ

मैं सृष्टि हूँ तो,

तुम वृष्टि बन जाओ

मैं रचना हूँ तो

तुम संरचना बन जाओ

फिर देखो

पतझड भी रिमझिम करेंगे

और बसन्त बौराएगी

संघर्ष की फ्थरीली राह भी

मख़मलों हो जाएगी 

नयी भोर की अगवानी में

संध्या भी गुनगुनाएगी

संध्या भी गुनगुनाएगी 

रचनाकार 

ज्ञानवती सक्सैना

ज्ञान’9414966976

संगठन राजस्थान लेखिका साहित्य संस्थान,जयपुर

पता सुभाष चन्द्र सक्सैना 68/171राजस्थान हाउसिंग बोर्ड, सांगानेर ,जयपुर राजस्थान

[email protected]

 

 

2.मैं स्त्री हूँ

 

मैं स्त्री हूँ

जग जीतने के लिए

अपने सपनों को वारती हूँ

सौ सौ बार हारती हूँ 

कब कहाँ क्या हारना है

अच्छे से जानती हूँ

तब कहीं जाकर

जग जीतती हूँ

दुनिया की जंग जीतती हूँ

मैं स्त्री हूँ 

अपने सपनों का पोषण करती हूँ

अपनों को तृप्त  रखती हूँ

बहुत कुछ सहन करती हूँ

वहन करती हूँ

मैं डरती हूँ

संभल संभल कर पग धरती हूँ

मैं स्त्री हूँ

कब कहाँ कितना नाचना है

कितना नचाना है

अच्छे से जानती हूँ

कठपुतली नहीं,धुरी हूँ

मैं स्त्री हूँ 

चुप्पी की ताकत को

पहचानती हूँ

छोटीछोटी बातों पर

उलझती नहीं 

बड़ी बात पर बख्शती नहीं

गरजती नहीं,बरसती हूँ

दूरदर्शी हूँ

मैं स्त्री हूँ

मैं स्त्री हूँ

 

कई बार मरती हूँ 

तब कहीं जीती हूँ

कई बार मरती हूँ

तब कहीं,अपनों के

दिलों को जीतती हूँ

जिजीविषा की धनी हूँ

मैं स्त्री हूँ

 

कई बार हारती हूँ

तब कहीं हरा पाती हूँ

कमियों को पीती हूँ

तब कहीं जीती हैूँ

सही वक़्त का इंतज़ार करती हूँ

तूफ़ानों से नौका निकालना

अच्छे से जानती हूँ

ममता,नेह का

समंदर हूँ

मैं स्त्री हूँ

 

मैं सही

तुम ग़लत,फिर भी

अपनों को

ग़लत सिद्ध करने की

गलती कभी नहीं करती

अनुकूल समय का

इंतज़ार करती हूँ

झेलती हूँ कई दंश

मानस हँस हूँ

मैं स्री हूँ

 

संस्कार की चॉक हूँ

घड़ती हूँ

अपनों को,सपनों को

संस्कृति को,सभ्यता को

समाज की नींव को

मैं स्त्री हूँ

जग जीतने के लिए

कई बार हारती हूँ

अपने सपनों को वारती हूँ

मैं स्त्री हूँ

मैं स्त्री हूँ

रचनाकार

ज्ञानवती सक्सैना ‘ ज्ञान’

9414966976

संगठन राजस्थान लेखिका साहित्य संस्थान,जयपुर

पता सुभाष चन्द्र सक्सैना 68/171राजस्थान हाउसिंग बोर्ड, सांगानेर ,जयपुर राजस्थान

[email protected]

 

 

3.देदीप्यमान लौ हूँ

 

मैं मैं हूँ,

आंगन की रौनक हूँ

फुलवारी की महक हूँ,किलकारी हूँ,

मैं व्यक्ति हूँ, सृष्टि हूँ

अपनों पर करती नेह वृष्टि हूँ

मैं अन्तर्दृष्टि हूँ,समष्टि हूँ

सूक्ष्मदर्शी हूँ, दूरदर्शी हूँ

ममता की मूरत हूँ  

समाज की सूरत हूँ

मैं मैं केवल देह नहीं  

संस्कृति की रूह हूँ

मैं पावन नेह गगरिया हूँ  

मैं सावन मेह बदरिया हूँ

मैं इंसानियत में पगी  

अपनेपन में रंगी

सपनों से लदी 

अपनों में रमी  

मौज हूँ

धड़कता दिल हूँ

आला दिमाग हूँ

राग हूँ, रंग हूँ 

फाग हूँ ,जंग हूँ 

मंजिल हूँ, मझधार हूँ  

मैं जन्नत हूँ,मन्नत हूँ

मैं मैं हूँ  

मैं ख्वाब हूँ, नायाब हूँ

लाजवाब हूँ  

किसी की कायनात हूँ

मैं संस्कार हॅू

सभ्यता का आयाम हूँ

संस्कृति का स्तंभ हूँ 

उत्थानपतन का पैमाना हूँ

मैं दुर्गा हूँ, सरस्वती हूँ

मैं सीता हूँ, सावित्री हूँ

मैं  धरा हूँ, धुरी  हूँ  

मैं शक्ति हूँ, आसक्ति हूँ

मैं सावन की फुहार हूँ ,

घनघोर घटा हूँ

मैं आस्था हूँ ,विश्वास हूँ

मैं उत्साह हूँ, उल्लास हूं  

मैं साधन नहीं साधना हूँ,

आराधना हूँ

ना भोग हूँ, ना भोग्या हूँ

परिपक्व क्षीर निर्झर हूँ

परिवार का गुमान हूँ

ईश्वर का वरदान हूँ

देदीप्यमान लौ हूँ 

देदीप्यमान लौ हूँ 

मैं मैं हूँ 

मैं मैं हूँ

ज्ञानवती सक्सैना ‘ ज्ञान’

9414966976

संगठन राजस्थान लेखिका साहित्य संस्थान,जयपुर

पता सुभाष चन्द्र सक्सैना 68/171राजस्थान हाउसिंग बोर्ड, सांगानेर ,जयपुर राजस्थान

[email protected]

 

उपर्युक्त तीनों रचनाएँ मेरी मौलिक एवं स्वरचित रचनाएँ हैं

 

ज्ञानवती सक्सैना  ‘ ज्ञान