न्यू मीडिया में हिन्दी भाषा, साहित्य एवं शोध को समर्पित अव्यावसायिक अकादमिक अभिक्रम

डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

सृजन ऑस्ट्रेलिया | SRIJAN AUSTRALIA

विक्टोरिया, ऑस्ट्रेलिया से प्रकाशित, विशेषज्ञों द्वारा समीक्षित, बहुविषयक अंतर्राष्ट्रीय ई-पत्रिका

A Multidisciplinary Peer Reviewed International E-Journal Published from, Victoria, Australia

डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं
प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

श्रीमती पूनम चतुर्वेदी शुक्ला

सुप्रसिद्ध चित्रकार, समाजसेवी एवं
मुख्य संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

Day: January 6, 2021

image_pdfimage_print

‘देशभक्ति काव्य लेखन प्रतियोगिता ‘ हेतु प्रेम कविता-शीर्षक: प्रेम कुटीर

प्रेम कुटीर————- हम कम बोलते हैं आपसे नज़र मिलाते हैं ज्यादाज्यादा कोशिश तो करते हैं पर टिकनहीं पा रहे हैं दिल कमज़ोर है ज्यादा सोचा रोमियो जैसे पीछे पड़ूं !मजुनू …

‘देशभक्ति काव्य लेखन प्रतियोगिता ‘ हेतु प्रेम कविता-शीर्षक: प्रेम कुटीर Read More »

अंतरराष्ट्रीय “प्रेम काव्य लेखन प्रतियोगिता” हेतु

रचना शीर्षक : “प्रणय निवेदन” विचलित से हैं भाव मेरे,तेरे सम्मुख आ जाने आने पर,फेर सको गर नज़रें तुम,कुछ शब्द लिखूं पैमाने पर…! शब्द, शून्य की सीमा पर,कैसे तारीफ के …

अंतरराष्ट्रीय “प्रेम काव्य लेखन प्रतियोगिता” हेतु Read More »

छेडना था : बस यूँ ही

तुमने  ये गजरे कयूॅ नहीं लगाये, चंदन सा बदन क्यो नहीं महका, ये जुलफें वैसे कयूॅ नहीँ बलखाई, तेरा चितचोर इसलिए नहीं बहका, ऐ!इत्ती सी बात पर तुम रूठी मुझसे, …

छेडना था : बस यूँ ही Read More »

पुस्तक

  कोने में ,जर्जर सी अकेली खड़ी है,साथियों के साथ एक रैक में पड़ी है।अपने सारे पन्नों को समेटे,ऊपर गंदा सा आवरण लपेटे। थोड़ी बदहवास सी पुरानी लगती है,किसी की …

पुस्तक Read More »

वसंतोत्सव काव्य प्रतियोगिता हेतु – ‘देखा वसंत में !’

देखा वसंत में फूले सरसों से खेत चमकते फले हरे गेहूं लहराते कू-कू कोयल कूजते पछुवा को डालियों से करते दोल विलास देखा वसंत में ! जहाँ तहाँ  कटते उलझे …

वसंतोत्सव काव्य प्रतियोगिता हेतु – ‘देखा वसंत में !’ Read More »

नारी : तेरे बिन जग कुछ सूना है

अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस के कवि सम्मेलन हेतु   नारी तुम कितनी हो महान,  तुम जग को दे सर्वस्व दान, है कर्म किया कितना महान, बस ये जग करे तुम्हारा मान। …

नारी : तेरे बिन जग कुछ सूना है Read More »

अंतरराष्ट्रीय प्रेम काव्य लेखन प्रतियोगिता हेतु प्रेषित कविता कविता का शीर्षक-1 प्रेम..! 2 प्रेम का संसार ऐसे ही..

अंतरराष्ट्रीय प्रेम काव्य लेखन प्रतियोगिता- सृजन ऑस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय पत्रिका 1. कविता का शीर्षक :- प्रेम…! अनुभूति का अद्भुत संगम है       प्रेम…!संवेदनाओं और स्वानुभूति का       मनोरम …

अंतरराष्ट्रीय प्रेम काव्य लेखन प्रतियोगिता हेतु प्रेषित कविता कविता का शीर्षक-1 प्रेम..! 2 प्रेम का संसार ऐसे ही.. Read More »

1. “हिन्दुस्तान” 2. “मैं वापस आऊँगा”

_हिन्दुस्तान_ सत्ता के सिंहासन पर विराजे हैतिरंगा हमाराशान है इसकी ऊँची औरहौंसले बांधे हर वक्त हमारा, देशभक्ति नहीं केवलतिरंगा लहरानादेशभक्ति की परिभाषा तो हैहिन्दुस्तानी कहलाना, धर्म,जाति,रंग-रूप का ना कोई वास्ताभारतीय …

1. “हिन्दुस्तान” 2. “मैं वापस आऊँगा” Read More »

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस काव्य लेखन प्रतियोगिता हेतु कविता

कविता क्रमांक 1 शीर्षक-  कमजोर नहीं है नारी जरूरी नहीं कि नारी है ,तो बेचारी ही होगी| हां होती है परवरिश थोड़ी अलग,  इसलिए कमजोर दिख सकती है| पर नारी …

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस काव्य लेखन प्रतियोगिता हेतु कविता Read More »

शुभा शुक्ला निशा की कविता – ‘नारी’

अंग्रेजो के समय भी देखिए
नारी शक्ति का फैला परचम था
लक्ष्मी बाई , सरोजिनी नायडू
कस्तूरबा गांधी , विजया लक्ष्मी में कितना दम था

error: Content is protected !!