आचार्य रामचंद्र गोविंद वैजापुरकर की कविता – ‘मॉं’ Leave a Comment / काव्य धारा / By shyamlalg56 उच्च भाव यह उस मां के प्रति जिसके मन में प्रतिदिन होता। वही पुत्र सच्चा कहलाता अन्य सभी बस मिथ्या मिथ्या। TweetSharePinShare