आचार्य रामचंद्र गोविंद वैजापुरकर की कविता – ‘मॉं’

उच्च भाव यह उस मां के प्रति
जिसके मन में प्रतिदिन होता।
वही पुत्र सच्चा कहलाता
अन्य सभी बस मिथ्या मिथ्या।