जैसे हबूब गया
नवगीत-जैसे हबूब गया सूरज निकला सुबह-सुबह शाम को डूब गया। किरणों ने दुनिया में धूप की चादर फैलाई। संगीत फूटा निर्झर से कल-कल की ध्वनि आई।। …
नवगीत-जैसे हबूब गया सूरज निकला सुबह-सुबह शाम को डूब गया। किरणों ने दुनिया में धूप की चादर फैलाई। संगीत फूटा निर्झर से कल-कल की ध्वनि आई।। …