महिला दिवस काव्य लेखन प्रतियोगिता
फिर भी हर बार छली जाती है “औरत” ….. हर रूप में ढलकर संवर जाती है औरत। प्रेम, आस्था, विश्वास की सूरत होती है औरत। नफ़रत की दुनिया में प्यार …
फिर भी हर बार छली जाती है “औरत” ….. हर रूप में ढलकर संवर जाती है औरत। प्रेम, आस्था, विश्वास की सूरत होती है औरत। नफ़रत की दुनिया में प्यार …
इक अरसा हो गया तुम मुझसे मिले भी नहीं इक अरसा हो गया तुम मुझसे मिले भी नहीं,इस बार मिले भी तो तुम कुछ घुले-मिले नहीं,न जाने ऐसा क्यों लगा …
नेताजी पर लेख लेखक का परिचयनाम= नन्दलाल मणि त्रिपाठी (पीताम्बर )पता =C-159 दिव्य नगर मदन मोहन तकनिकी विश्व विद्यालय के पास श्री हॉस्पिटल लेन नहर पार करते हुए दिव्य …
अद्वैत एक स्त्री चाहिए मन को समझने के लिए जिसके समा जाऊ जार जार रो सकूँ पोर पोर हँस सकुँ बता सकूँ हर वो बात जज्बात जो मन में …
कविता ******** तुम कैसे हो? अब नहीं कह पाती हूँ, जीवन की आपा -थापी में निश्चल अनुराग के इस बंधन में संग पीरों कर तुझ संग, अपने मन के …
“उलाहना” अनायास ही.. बड़े ही सहजता से कह दिया मैंने कि तुमने मुझे दिया क्या है.. जबकि.. चेतन मन …
महिला दिवस काव्य लेखन प्रतियोगिता में शामिल करने हेतु।। Read More »
#रेड लाईट एरिया# हम अपनी जमात में अगर बात कर दें रेड लाईट एरिया की तोकई जोड़ी आँखों के साथ घर की दीवारें भी ऐसी घूरती हैं जैसे,जवान होती बहन से …
“महिला दिवस काव्य लेखन प्रतियोगिता- रेड लाइट एरिया” Read More »
माँ:::::::::माँ ही शिक्षक महान जगत में अच्छा पाठ पढाती है।हिम्मत और होंसला दे कर,आगे सदा बढाती है।।1।।माँ दुनिया की महान विभूति,त्याग तपस्या की मूरत है।मनुज सृष्टि की रचयिता,माँ ईश्वर की …
“अंतराष्ट्रीय महिला दिवस प्रतियोगिता” शीर्षक”मां” Read More »
सृजन आस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई पत्रिका(महिला दिवस काव्य प्रतियोगिता लेखन)(प्रतिभा नारी को भी अपनी दिखलाने दो) प्रतिभा नारी को भी अपनी दिखलाने दोबाधाओं को लांघ उसे बाहर आने दो (1)हर युग …