अर्धांग भस्म भभूत है…अर्ध मोहिनी रूप है
ईमेल पता [email protected] सार शादी के बाद लड़कियाँ, लड़के को पति और उससे ज़्यादा परमेश्वर मानने लगती हैं। हमारे समाज की बनावट-बुनावट ही कुछ ऐसी है कि लड़कों को बचपन …
ईमेल पता [email protected] सार शादी के बाद लड़कियाँ, लड़के को पति और उससे ज़्यादा परमेश्वर मानने लगती हैं। हमारे समाज की बनावट-बुनावट ही कुछ ऐसी है कि लड़कों को बचपन …
तरक़्क़ी पसंद ग़ज़लगो : जाँ निसार अख़्तर डॉ. वसीम अनवर असिस्टेण्ट प्रोफेसर उर्दू और फ़ारसी विभाग डॉ. हरी सिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर, मध्य प्रदेश [email protected], 09301316075 ग़ज़ल उर्दू शायरी की …