सुखबीर दुहन की नई कविता- हालात-ए-किसान
हालात ए किसान यह जो तेरे घर में अन्न आया है। जरा सोचो किसने पसीना बहाया है। चाह मिटायी , चिन्ता पाई , चैन की नींद ना आई, तुझे दिया, …
हालात ए किसान यह जो तेरे घर में अन्न आया है। जरा सोचो किसने पसीना बहाया है। चाह मिटायी , चिन्ता पाई , चैन की नींद ना आई, तुझे दिया, …
पूरब से पश्चिम तक उत्तर से दक्षिण तक सबको पिरोती एक डोर में इसलिए सूत्रधार बनके चमकेगी हिंदी की बिंदी। अलग-अलग जाति, धर्मों के लोग यहाँ भिन्न-भिन्न प्रांतों के भिन्न …
जिन्दगी एक गीत है गीत जिस पर लिखे गए अनेकों गीत हैंजी रहे हैं हम जिसेवह जिन्दगी एक गीत है ।गुनगुनाते अनेकों अधरअपने प्रणय की गीति कोआलाप करते प्रफुल्ल मनआप उपजी …
जिस दिन तुम खुद को अकेला पाओ, घबराओ ,डर जाओ और उसका सामना ना कर पाओ। उस दिन एक बार हिम्मत करके अपने माता -पिता के पास जाना हो सकता …
वरिष्ठ प्राध्यापिका डा. वजिरा गुणसेन और सहाय प्राध्यापिका सरसि रणसिंह श्री जयवर्धनपुर विश्वविद्यालय, श्री लंका [email protected] आजकल संसार भर में मुख्य रूप से 6500 भाषाएँ बोली जाती हैं। उनमें …