नवनीत शुक्ल की कविता “कंप्यूटर”
मम्मी मुझे दिलवा दो कंप्यूटर,मिलता सारा ज्ञान इसके अंदर। ये स्पेलिंग भी सिखलाता है,डिक्शनरी भी दिखलाता है। पूछो इससे जब कोई सवाल,गूगल अंकल झट लाते जवाब। गणित, विज्ञान सब पढ़ाता,मिनटों …
मम्मी मुझे दिलवा दो कंप्यूटर,मिलता सारा ज्ञान इसके अंदर। ये स्पेलिंग भी सिखलाता है,डिक्शनरी भी दिखलाता है। पूछो इससे जब कोई सवाल,गूगल अंकल झट लाते जवाब। गणित, विज्ञान सब पढ़ाता,मिनटों …