अफलातून लगा है
22 22 22 22ग़ज़ल वह तो अफलातून लगा है।पशुता गर नाखून लगा है।। भ्रष्टाचार बढ़ाने वाले,उनके मुँह में खून लगा है। जाड़े के दिन पाँव पसारे,यानि सलाई-ऊन लगा है। सोच-विचार …
22 22 22 22ग़ज़ल वह तो अफलातून लगा है।पशुता गर नाखून लगा है।। भ्रष्टाचार बढ़ाने वाले,उनके मुँह में खून लगा है। जाड़े के दिन पाँव पसारे,यानि सलाई-ऊन लगा है। सोच-विचार …
22 22 22 22ग़ज़ल वह तो अफलातून लगा है।पशुता गर नाखून लगा है।। भ्रष्टाचार बढ़ाने वाले,उनके मुँह में खून लगा है। जाड़े के दिन पाँव पसारे,यानि सलाई-ऊन लगा है। सोच-विचार …