भारत के उद्योग पुरुष जमशेद जी टाटा
——-जमशेद जी टाटा——- कभी कभी कोई लम्हा युग प्रेरणा का इतिहासबनाता है ।।इन लम्हों के कदमों केसंग युग चलता जाता है।।दिन महीने साल दशकगुजरता जाता है प्रेरकपरिवर्तन का लम्हा खासयुग …
——-जमशेद जी टाटा——- कभी कभी कोई लम्हा युग प्रेरणा का इतिहासबनाता है ।।इन लम्हों के कदमों केसंग युग चलता जाता है।।दिन महीने साल दशकगुजरता जाता है प्रेरकपरिवर्तन का लम्हा खासयुग …
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बसंत धीरे-धीरे धूप ने, किया शीत का अन्त । पुरवाई ने सृष्टि में, छेड़ा राग बसंत । । सुशील सरना / 4-3-21 रचनाकार का नाम: सुशील सरना पदनाम: सेवा निवृत्त …