न्यू मीडिया में हिन्दी भाषा, साहित्य एवं शोध को समर्पित अव्यावसायिक अकादमिक अभिक्रम

डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

सृजन ऑस्ट्रेलिया | SRIJAN AUSTRALIA

विक्टोरिया, ऑस्ट्रेलिया से प्रकाशित, विशेषज्ञों द्वारा समीक्षित, बहुविषयक अंतर्राष्ट्रीय ई-पत्रिका

A Multidisciplinary Peer Reviewed International E-Journal Published from, Victoria, Australia

डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं
प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

श्रीमती पूनम चतुर्वेदी शुक्ला

सुप्रसिद्ध चित्रकार, समाजसेवी एवं
मुख्य संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

Day: February 21, 2021

image_pdfimage_print

*शिक्षा और समाज में समावेश के लिए बहुभाषावाद को बढ़ावा दे*

*शिक्षा और समाज में समावेश के लिए बहुभाषावाद को बढ़ावा दे* हर साल 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जाता है। मानवीय अस्तित्व भाषा के साथ इस प्रकार संबंधित …

*शिक्षा और समाज में समावेश के लिए बहुभाषावाद को बढ़ावा दे* Read More »

मौन

  जुबान ,जिह्वा और आवाज़ जिसके संयम संतुलन खोने से मानव स्वयं खतरे को आमंत्रित करता है और ईश्वरीय चेतना की सत्ता को नकारने लगता है।अतः जिह्वा जुबान का सदैवसंयमित …

मौन Read More »

जिंदगी को जान मील गई

जिंदगी को आज अरमान मील गयी ख्वाबों के मुहब्बत की उड़ानमिल गयी दुनियां के झमेले में जान मील गयी।।दिल धड़कता है धड़कन बोलती है जिंदगी की हमसफर अंदाज़ मील गयी।।जिंदगी …

जिंदगी को जान मील गई Read More »

मुस्कुराता सूरज जीवन दर्शन

सूर्य मुस्कुराता छितिज परभाव चेतना मकसद मंजिलका पैगाम लिये।।नया सबेरा उम्मीदों विश्वास की नई किरणउदय उदित उड़ान स्वर्णिम भविष्य काउत्साह खुशियों का पैगाम लिये।।उदय प्रशांत की गहराई अंतर्मन से दिव्य …

मुस्कुराता सूरज जीवन दर्शन Read More »

दिल से बड़ा कोई ताज नहीं, ,,,,,,,,,,,,

क्यों आ के किनारे पर डूबी  ये कश्ती हमको याद नहीं  बस दर्दे मोहब्बत है दिल में  और इसके सिवा कुछ याद नहीं  क्या जाने दिल बेचारा ये  हार जीत …

दिल से बड़ा कोई ताज नहीं, ,,,,,,,,,,,, Read More »

दिल से बड़ा कोई ताज नहीं, ,,,,,,,,,,,,

क्यों आ के किनारे पर डूबी  ये कश्ती हमको याद नहीं  बस दर्दे मोहब्बत है दिल में  और इसके सिवा कुछ याद नहीं  क्या जाने दिल बेचारा ये  हार जीत …

दिल से बड़ा कोई ताज नहीं, ,,,,,,,,,,,, Read More »

सूफी काव्य में पर्यावरण चेतना (‘पद्मावत’ के विशेष संदर्भ में)

               सूफी काव्य में पर्यावरण चेतना                (‘पद्मावत’ के विशेष संदर्भ में)             …

सूफी काव्य में पर्यावरण चेतना (‘पद्मावत’ के विशेष संदर्भ में) Read More »

error: Content is protected !!