कामना
मेरी हार्दिक इच्छा है कि लोग भूल जाएंँ,पपड़ियों की तरह उधड़ते,पंखुड़ियों की बिखरते,उद्वेलित नश्वरता की क्षणभंगुरता में झड़ता मेरा चेहराऔर रूप-रंग!पर सदियों तकउनके मन-मस्तिष्क में,मेरे शब्द और कविताएँकुछ इस तरह …
मेरी हार्दिक इच्छा है कि लोग भूल जाएंँ,पपड़ियों की तरह उधड़ते,पंखुड़ियों की बिखरते,उद्वेलित नश्वरता की क्षणभंगुरता में झड़ता मेरा चेहराऔर रूप-रंग!पर सदियों तकउनके मन-मस्तिष्क में,मेरे शब्द और कविताएँकुछ इस तरह …
जय भारती जय हो आज दिन है भारत के गणतंत्र. रह पाए हैं हम, अब सर्व-स्वतंत्र, लहराकर आज अपना तिरंगा प्यारे, रहे सदा पुलकित भारतवासी न्यारे। जलाकर …