बेटी बिटिया
बेटी है दुनियां का नाजबेटी करती हर काज आजबेटी अरमानों का अवनिआकाश।। शिक्षित बेटी नैतिक समाजबेटी संरक्षण संरक्षित समाजबेटी बुढापे का सहाराबेटी माँ बाप के लिये ज्यादा संवेदन साज।। बेटी …
बेटी है दुनियां का नाजबेटी करती हर काज आजबेटी अरमानों का अवनिआकाश।। शिक्षित बेटी नैतिक समाजबेटी संरक्षण संरक्षित समाजबेटी बुढापे का सहाराबेटी माँ बाप के लिये ज्यादा संवेदन साज।। बेटी …
आहत होता युग संसयअन्धकार के अंधेरो मेंदम घुटता।।न्याय धर्म की सत्ता डगमग होताईश्वर का न्याय भरोसा युग जीवन में आशा कासंचार झोंका आता जाता।।निर्जीव हो चुके सोते युग समाजचेतना को …
सवा लाख से एक लड़ाऊं तौ गुरु गोविंद सिंह नाम कहाऊँ Read More »
बेटियां केवल भाव की भूखी होती हैं! उन्हें कहां धन दौलत की होती है परवाहउनके लिए ये सब सूखी रूखी होती हैं,वो तो बस अपनों की हिफाजत चाहे बेटियां सिर्फ …
कौन कहता है माँ भारती केसत्य सनातन का साधु संतधर्म कर्म साधना आराधना शास्त्रआचरण का सिर्फ प्रवचन सुनाते।।जब- जब राष्ट्र समाज पर क्रुरता आक्रांता आता।। जागृत हो साधु संतों का …
महिला दिवस प्रतियोगिता हेतु कविता “नारी हूँ मैं…” एक मूक अभिव्यक्ति हूं मैं,खुद में सम्पूर्ण शक्ति हूं मैं,विश्वास का दूसरा नाम हूं,चलती-फिरती भक्ति हूं मैं…हां,नारी हूं मैं… स्रष्टा हूँ मैं, …
बेटी मैं भी बेटी हूँ किसी की हर बेटी का सम्मान करती हूँबेटी है स्वाभिमान किसी काजो जाकर पराये घर,उस घर को, परिवार कोो अपनाती है जन्म देती, जीवन को,संस्कारों कोधन-धान्य …
बेटी बेटी है घर की फुलवारीबेटी है माँ पिता की दुलारी महके घर का कोना कोना वह घर स्वर्ग जहाँ बेटी का होना बेटियाँ घर को महकाती है सुन्दर गुलशन …
कहो मुझे भगवान जब जन्मीं ममता के आँचलहँसकर माँ ने गले लगाया सबने बता कर भार घर का खुशियों से मुझको ठुकराया तूं ही बता मेरी जग में, है कैसी …
राष्ट्रीय बालिका दिवस पर समर्पित कविता – “कहो मुझे भगवान” Read More »
शिक्षित बेटी मैं बेटी, पत्नी और माँ बनआज बनी सशक्त नारी हूँ एक जीत की कोशिश में हजारों बार बार मैं हारी हूँ संघर्ष मेरे बचपन के याद जब – …
राष्ट्रीय बालिका दिवस पर समर्पित कविता – “शिक्षित बेटी” Read More »
जन्म और मृत्यु,जीवन के दो छोरएक है प्रारंभ तो दूजा अंतइस मध्य ही है जीवन का सार। क्या खोया क्या पायाक्या छोड़ा क्या अपनायाक्या भोगा क्या त्याग दियाबस यही है …