समझौता
शीर्षक:- समझौता…. क्या कहूं क्या न कहूं, जिंदगी कुछ ऐसे ही चलती है। हर तरफ़ बस समझौते की, एक डोर ही मिलती है।। अपनो के साथ सपने जो …
शीर्षक:- समझौता…. क्या कहूं क्या न कहूं, जिंदगी कुछ ऐसे ही चलती है। हर तरफ़ बस समझौते की, एक डोर ही मिलती है।। अपनो के साथ सपने जो …