Category: अनुवाद सेतु
Categories
नरसिंह यादव की कविता – ‘रेप की सजा फांसी’
बोल रहे बढ़ चढ़ के उन्हीं के हत्यारे,
फिर आ जाओ हमें ये सिखाते हुए,
जिंदा हैं बहू बेटियों को यूं डराते हुए,
घूम रहे इज्जत को तार तार करते हुए,
भूल गए वहीं आज नारा लगाया जो,
जी रहे सरकार का मौज उड़ाते हुए।
January 2, 2021
No Comments
January 2, 2021
No Comments
भूमन्डलीकरण में दलित स्त्री के जीवन में बदलाव
“आकाश चाहती है
हर लड़की –
सोचती है सूरज चाँद तारों के बारे में
सपनों में आता है चाँद पर अपना घर -घर
उसके पैर धरती पर जमें हैं ।
December 18, 2020
2 Comments
December 12, 2020
No Comments

अनूदित कविता
November 25, 2020
No Comments
November 24, 2020
No Comments
रमेश कुमार सिंह रुद्र की नई कविता ‘मां सरस्वती’
वीणावादिनी ज्ञानदायिनी ज्ञानवान कर दे…. माँ रूपसौभाग्यदायिनी नव रुप भर दे…. हंसवाहिनी श्वेतांबरी जग उज्ज्वल कर दे….. वीणापाणिनि
November 23, 2020
No Comments
November 20, 2020
No Comments

अनूदित संस्मरण

रीजनल इस्पेक्टर को धर्म का उपदेश दिया
रीजनल इस्पेक्टर को धर्म का उपदेश दिया,प्रकाशनार्थ:- 29 नवम्वर पुण्यतिथि पर विशेष प्रख्यात वेद विदुषी डा सावित्री देवी
November 11, 2020
No Comments