

तुमने ही हृदय बिछाया…
प्रेम-काव्य प्रतियोगिता हेतु रचना तुमने ही हृदय बिछाया…. तुम धूप हो, तुम छाँव होपसरी हुई निस्तब्धता मेंजीवंत
सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया
सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं
प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया
सुप्रसिद्ध चित्रकार, समाजसेवी एवं
मुख्य संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया
प्रेम-काव्य प्रतियोगिता हेतु रचना तुमने ही हृदय बिछाया…. तुम धूप हो, तुम छाँव होपसरी हुई निस्तब्धता मेंजीवंत
*नया वादा* आख़िर कैसे नए वादों पर ए’तिबार किया जाएपुरानी साज़िशों को कैसे दरकिनार किया जाए। क़ातिल क़त्ल