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द्वितीय भाषा के रूप में हिंदी सीखने वाले सिंहली मातृभाषी विद्यार्थियों के समक्ष प्रस्तुत समस्याएँ
वरिष्ठ प्राध्यापिका डा. वजिरा गुणसेन और सहाय प्राध्यापिका सरसि रणसिंह श्री जयवर्धनपुर विश्वविद्यालय, श्री लंका [email protected] आजकल
November 30, 2020
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आलेख
गांधी और हिंदी
अब एकबार फिर वक्त आ गया है कि हम गांधी की भाषा दृष्टि, उनके विचार तथा उनके साहस का सहारा ले स्वतंत्र भारत की भाषाई अस्मिता को सकारात्मक ढंग से प्रस्तुत कर अतीत की ऐतिहासिक भूलों का परिमार्जन करें।
November 28, 2020
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वेबगोष्ठी
कृति के सभी जीवों और तत्वों के साथ सह अस्तित्व ही आदिवासियत – हरिराम मीणा
नई दिल्ली। आदिवासियत या आदिवासी विमर्श को अन्य विमर्शों की तरह नहीं समझना चाहिए। आदिवासियत जीवन जीने का एक
November 27, 2020
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शोध पत्र
‘ओजोन-लेयर’ कविता में अभिव्यक्त पर्यावरण पूरक व्यंग्य
प्रो. (डॉ.) सदानंद भोसलेअध्यक्ष, हिंदी विभागसावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय, पुणे- 07मोबाईल नं. 9822980668ईमेल: [email protected] व्यंग्य ‘सटायरिक स्पिरिट’ है, अर्थात्
November 24, 2020
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व्यंग्य वाटिका
स्वर्ग के शौचालय में हिंदी
उत्कृष्ट रचनाकार भारतेंदु ने ‘स्वर्ग में विचार सभा का आयोजन‘ लिखा था और निकृष्ट कोटि का रचनाकार मैं,
November 20, 2020
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