न्यू मीडिया में हिन्दी भाषा, साहित्य एवं शोध को समर्पित अव्यावसायिक अकादमिक अभिक्रम

डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

सृजन ऑस्ट्रेलिया | SRIJAN AUSTRALIA

विक्टोरिया, ऑस्ट्रेलिया से प्रकाशित, विशेषज्ञों द्वारा समीक्षित, बहुविषयक अंतर्राष्ट्रीय ई-पत्रिका

A Multidisciplinary Peer Reviewed International E-Journal Published from, Victoria, Australia

डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं
प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

श्रीमती पूनम चतुर्वेदी शुक्ला

सुप्रसिद्ध चित्रकार, समाजसेवी एवं
मुख्य संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

आ अब लौट चलें

Spread the love
image_pdfimage_print
 
 
 
 
             ” आ अब लौट चलें”
             ————————–

हैं चारों ओर वीरानियाँ
खामोशियाँ, तन्हाईयाँ,
परेशानियाँ, रुसवाईयाँ
सब ओर ग़ुबार है !
        आ अब लौट चलें…………………

                               चीत्कार, हाहाकार है
                               मृत्यु का तांडव यहाँ,
                               है आदमी के भेष में
                              यहां भेड़िये हजार हैं !
                         आ अब लौट चलें……………….

      खून से सनी यहाँ
इंसानियत की ढाल है,
नफ़रतों के ज़हर से
भरी आँधियाँ बयार हैं !
       आ अब लौट चलें……………..

                             ज़मीर मिट चला यहाँ
                             क़ायनात शर्मसार है,
                             घोर अंधकार में यहां
                             गुमनामियाँ सवार हैं !
                       आ अब लौट चलें…………….

कस्तियां यहाँ डूब रही
लहरों में उभार है
है डूबता वही यहाँ
गुमाँ का जिसमें ख़ुमार है !
              आ अब लौट चलें………………..

                         मुफ़लिसी के दौर में
                       मजबूरियां बेशुमार हैं,
                       नज़र जहां भी पड़े
                       अंगार ही अंगार हैं !
                     आ अब लौट चलें………………….

      मंज़र ये कैसा यहाँ
       फ़िक्र में जहान है
ना सरहदें महफ़ूज यहाँ
सब  दिलों में ख़ार हैं !
       आ अब लौट चलें…………………
             
                          स्वार्थ को बेड़ियों से बंधे
                       सब गुमनामियों की कैद में,
                                सब्र है किसे यहाँ पे
                              तंग सोच से बीमार हैं !
                      आ अब लौट चलें………………. 

  विश्वास के पनपते बूटों पे
दगाबाज़ इल्लियाँ सवार हैं,
कब तलक जलेगा “दीप” यूँ
दामन सभी दाग़दार हैं !
       आ अब लौट चलें………….

           कुलदीप दहिया ” मरजाणा दीप”
           हिसार  ( हरियाणा )
           संपर्क सूत्र -9050956788
मेल :-   [email protected]

 
 

Last Updated on January 23, 2021 by ddeep935

  • कुलदीप दहिया "मरजाणा दीप"
  • शिक्षक
  • शिक्षा विभाग हरियाणा
  • [email protected]
  • कुलदीप दहिया c/o श्री देशराज गोरिया H. No.-830 मेन गली ( गीता कॉलोनी ) आज़ाद नगर , Hisar पिन कोड-125001 ( हरियाणा ) भारत
Facebook
Twitter
LinkedIn

More to explorer

2025.06.22  -  प्रयागराज की हिंदी पत्रकारिता  प्रवृत्तियाँ, चुनौतियाँ और संभावनाएँ  --.pdf - lighttt

‘प्रयागराज की हिंदी पत्रकारिता : प्रवृत्तियाँ, चुनौतियाँ और संभावनाएँ’ विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के प्रतिभागिता प्रमाणपत्र

Spread the love

Spread the love Print 🖨 PDF 📄 eBook 📱प्रयागराज की हिंदी पत्रकारिता पर  दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का भव्य आयोजन संपन्न प्रयागराज, 24

2025.06.27  - कृत्रिम मेधा के दौर में हिंदी पत्रकारिता प्रशिक्षण - --.pdf-- light---

कृत्रिम मेधा के दौर में हिंदी पत्रकारिता प्रशिक्षण विषयक विशेषज्ञ वार्ता का आयोजन 27 जून को

Spread the love

Spread the love Print 🖨 PDF 📄 eBook 📱फ़ील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ की 18वीं पुण्यतिथि के अवसर  परकृत्रिम मेधा के दौर में

light

मध्य प्रदेश में हिंदी पत्रकारिता विषय पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का भव्य आयोजन

Spread the love

Spread the love Print 🖨 PDF 📄 eBook 📱अंतरराष्ट्रीय हिंदी पत्रकारिता वर्ष 2025-26 के अंतर्गत मध्य प्रदेश में हिंदी पत्रकारिता विषय पर

Leave a Comment

error: Content is protected !!